ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
झांसी में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें सामूहिक दुष्कर्म का मामला पूरी तरह से फर्जी निकला। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, एक 17 वर्षीय लड़की ने चलती कार में गैंगरेप होने का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस की गहन जांच के बाद यह पता चला कि यह घटना केवल एक सोची-समझी साजिश थी, जिसे पैसे ऐंठने के उद्देश्य से रचा गया था।
मामला झांसी के प्रेमनगर इलाके का है, जहाँ 21 अगस्त को एक नाबालिग लड़की अपनी चाची के साथ थाने पहुंची और उसने यह दावा किया कि 20 अगस्त की सुबह जब वह शौच के लिए निकली थी, तब गांव के तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और दो युवकों ने चलती कार में उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की का यह भी दावा था कि घटना के बाद आरोपी उसे गांव के मंदिर के पास छोड़कर फरार हो गए थे।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जब पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की तो पूरे प्रकरण का सच सामने आया। पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए 50-60 किमी. के दायरे में फैले सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कहीं भी किसी कार का आना-जाना दर्ज नहीं हुआ। इसके बजाय, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में लड़की को एक पेट्रोल पंप के बाहर ऑटो में बैठते हुए देखा। इसके बाद लड़की झांसी के जेल चौराहे पर पहुंची, जहाँ उसने एक रेस्टोरेंट के कर्मचारी से अपने गांव के एक पड़ोसी को फोन करवाने की कोशिश की। इसके बाद वह खुशीपुरा की एक दुकान से पायल और बिछिया खरीदते हुए दिखाई दी। इसके बाद वह अपनी मौसी के घर चली गई।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह पूरा मामला एक साजिश का हिस्सा था। लड़की और उसकी चाची ने मिलकर यह झूठी कहानी गढ़ी थी ताकि वे अपने पुराने विवाद में फंसे पड़ोसियों से मोटी रकम वसूल सकें। इस साजिश में लड़की के अलावा उसकी चाची और एक अन्य व्यक्ति भी शामिल थे।
फिलहाल, पुलिस ने इस फर्जी मामले के खुलासे के बाद लड़की, उसकी मां और चाची को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कैसे कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए कानून का दुरुपयोग करने से भी नहीं चूकते।
Author: samachar
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