इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया : उच्च न्यायालय के बाल संरक्षण देखरेख समिति के निर्देशानुसार और जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में, देवरिया के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज कुमार तिवारी ने राजकीय बाल गृह का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने उच्च न्यायालय द्वारा बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु दिए गए निर्देशों के अक्षरशः पालन पर जोर दिया। उन्होंने राजकीय बाल गृह के प्रभारी अध्यक्ष को निर्देश दिया कि बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास किया जाए और उन्हें महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहारों के महत्व और उनके इतिहास से परिचित कराया जाए। इसके लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए और बच्चों में नई ऊर्जा और जोश भरने के लिए निबंध लेखन, योग, संगीत, चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
सचिव ने बच्चों की पढ़ाई का निरीक्षण करते हुए उनके पठन-पाठन को और भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर, बाल गृह में संवासित नीरज और साहिल नामक बच्चों ने देश के प्रति अपने समर्पण और कर्तव्यों को संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसे सचिव ने स्वयं गाकर बच्चों को प्रोत्साहित किया।
सचिव ने स्वंयसेवी संस्था आर्यावर्त सोसाइटी देवरिया को बाल गृह में बच्चों को संगीत की शिक्षा देने और उन्हें उनके कार्य के प्रति कर्तव्यों का बोध कराने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा, राजकीय बाल गृह में संवासित बच्चों को टी-शर्ट, पेन, पुस्तकें, स्लीपर, स्टेशनरी आदि वस्तुएं वितरित की गईं, जिसमें समाजसेवी पवन कुमार शुक्ला का सहयोग रहा।
सचिव ने कहा कि असहाय बच्चों के सपनों को पूरा करने में सभी को सहयोग करना चाहिए। हमें इन बच्चों के साथ खड़ा रहकर उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे हम न केवल उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, बल्कि एक सशक्त समाज की ओर कदम भी बढ़ा सकते हैं।
इस निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया मनोज कुमार तिवारी, राजकीय बाल गृह देवरिया के प्रभारी अधीक्षक रामकृपाल और अन्य संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे।
Author: samachar
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