चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा। जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां देवीपाटन कमिश्नर ऑफिस में तैनात एक सफाईकर्मी ने न केवल नाजिर की जिम्मेदारी संभाल ली, बल्कि करोड़ों की संपत्ति भी अर्जित कर ली। सफाईकर्मी संतोष कुमार जायसवाल, जो अब नाजिर बन चुका है, उसके पास कई लग्जरी गाड़ियाँ होने का खुलासा हुआ है।
आरोप है कि संतोष जायसवाल ने सरकारी फाइलों में हेराफेरी कर बड़ी मात्रा में धन जमा कर लिया। नगर पालिका परिषद, गोंडा में तैनात इस सफाईकर्मी को नियमों को दरकिनार कर कमिश्नर ऑफिस में नाजिर बना दिया गया। नाजिर बनने के बाद उसने अपने पद का दुरुपयोग कर, फाइलों में हेरफेर कर, करोड़ों रुपये की संपत्ति बना ली। आज वह कई लग्जरी गाड़ियों का मालिक है।
फाइलों में हेराफेरी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराई। जांच में संतोष जायसवाल की अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया और उसके खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया। साथ ही, सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को उसकी संपत्तियों की जांच करने का निर्देश दिया गया।
जांच के दौरान सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) से संतोष जायसवाल के वाहनों की जानकारी मांगी गई। एआरटीओ द्वारा किए गए सत्यापन में यह पता चला कि संतोष जायसवाल के पास कुल 9 लग्जरी गाड़ियाँ हैं। ये गाड़ियाँ संतोष जायसवाल, उसके भाई उमाशंकर जायसवाल और पत्नी बेबी जायसवाल के नाम पर पंजीकृत हैं। इनमें से संतोष के नाम पर स्विफ्ट डिजायर, अर्टिगा मारुति सुजुकी, महिंद्रा स्कॉर्पियो, टोयोटा इनोवा, और महिंद्रा जायलो शामिल हैं। वहीं, भाई उमाशंकर के नाम पर अर्टिगा मारुति सुजुकी और पत्नी बेबी के नाम पर टोयोटा इनोवा है।
अब जांच अधिकारियों ने संतोष जायसवाल के बैंक खातों का ब्योरा भी तलब किया है। पिछले 5 साल के बैंक रिकॉर्ड की मांग की गई है, और इसके मिलने के बाद संतोष जायसवाल के खिलाफ और भी कठोर कार्रवाई होने की संभावना है।
Author: samachar
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