जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया जिले के एक गांव में एक परिवार के आठ सदस्य एक अजीब आंखों की बीमारी से पीड़ित हैं। इस परिवार में चार लोगों को दिन में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता, जबकि दो अन्य को शाम के समय देखने में दिक्कत होती है।
पीड़ितों ने कई जगह इलाज करवाया है, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।
यह परिवार बलिया जिले के हनुमानगंज ब्लॉक के टकरसन गांव में रहता है। दलित राम प्रवेश अपने परिवार के साथ यहां निवास करते हैं, जिसमें उनकी पत्नी और छह बेटे शामिल हैं।
परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और वे मेहनत-मजदूरी करके गुजारा करते हैं। इस परिवार के छह सदस्य आंखों की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं।
राम प्रवेश के बेटे हरि (35), रामू (27), भानू (22) और जयराम (20) को दिन में दिखाई नहीं देता। रामू की पत्नी सुनीता देवी को रात के समय भी देखने में परेशानी होती है। इस परिवार का एक और सदस्य भी इसी तरह की समस्या से ग्रसित है।
परिवार ने बलिया के अलावा नेपाल और बिहार (छपरा) में भी इलाज करवाया है, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
डॉक्टरों के अनुसार, यह समस्या ‘मैक्युलर डिजनरेशन’ या ‘मैक्युलर जुड़ी बीमारी’ के कारण हो सकती है। यह बीमारी रेटिना के मध्य भाग को नुकसान पहुंचाती है, जिससे दृष्टि प्रभावित हो सकती है। हालांकि, इस परिवार में इस बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए अधिक जांच की आवश्यकता है।
प्रारंभिक चरण में इस बीमारी का उपचार संभव हो सकता है, लेकिन अगर यह अनुवांशिक कारणों से हुई है, तो उपचार का लाभ सीमित हो सकता है।
Author: samachar
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