सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हाल ही में एक भयावह घटना का साक्षी बना। 9 अगस्त को, एक प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल श्रीतमा बनर्जी जैसी छात्रों को चिंतित कर रही है, बल्कि पूरे राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रही है।
घटना और उसके प्रभाव
घटना के बाद, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई है।
श्रीतमा बनर्जी ने बताया कि उनके परिवार को लगता था कि अस्पताल एक सुरक्षित जगह है, लेकिन अब खुद वे भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। घटना ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में महिला स्वास्थ्यकर्मियों की चिंता को बढ़ा दिया है।
पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या चिंताजनक है।
2022 में, ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो’ ने रिपोर्ट दी कि पश्चिम बंगाल में 1111 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का दर 71.8 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
अस्पताल की सुरक्षा और पुलिस की भूमिका
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या के बाद, अस्पताल के बाहर और अंदर सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
अभियुक्त संजय राय, जो कि एक सिविल वॉलंटियर था, को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जबकि छात्र और डॉक्टर मानते हैं कि इस घटना में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
इसके चलते, अस्पताल परिसर को एक पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि पूछताछ जारी है और अपराध में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
प्रदर्शन और सरकारी प्रतिक्रिया
घटना के बाद, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सड़कों पर उतर आए हैं और आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देने में काफी आनाकानी की है और यह जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। इसके साथ ही, अस्पताल के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष और मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजय वशिष्ठ को इस्तीफा देना पड़ा है।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के बाद पीड़ित परिवार से मिलने का आश्वासन दिया है। उन्होंने मामले की गहन जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है और दोषियों को कड़ी सजा देने की बात की है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी छात्रों की मांगों का समर्थन किया है, जबकि विपक्षी दल इस घटना को लेकर राज्य सरकार की नाकामी पर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि सरकारी अस्पतालों का नियंत्रण अब सत्तारूढ़ दल के हाथों में है और इनकी हालत खराब हो गई है।
पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए घटना की स्थिति पर कुछ बातें स्पष्ट कीं। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को पीड़ित के परिवार को सौंप दिया गया है और फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है।
रिपोर्ट में पीड़ित और आरोपी के शरीर पर मिले ज़ख्मों के निशानों की भी जांच की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जानने की कोशिश की जा रही है कि केवल एक व्यक्ति ही इस घटना में शामिल था या इसमें अन्य लोग भी शामिल थे।
पीड़ित का परिवार इस त्रासदी से गहरे सदमे में है। वे पानीहाटी नामक इलाके में रहते हैं, जो कोलकाता से कुछ दूरी पर है। इलाके में शोक का माहौल है, खासकर इस कारण से कि पीड़ित की शादी इस साल होने वाली थी। परिवार के लोग इस घटना से पूरी तरह से टूट चुके हैं और किसी से बातचीत की स्थिति में नहीं हैं।
देर रात कोलकाता पुलिस के जॉइंट कमिश्नर ने परिवार से मुलाकात की और उन्हें पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट सौंपी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी परिवार से फोन पर संपर्क किया और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
फिलहाल, आंदोलन का माहौल ठंडा होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। इस गंभीर घटना के खिलाफ छात्रों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रदर्शन और आक्रोश की लहर जारी है, और इसे शांत करने के प्रयास अभी जारी हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना ने केवल अस्पताल की सुरक्षा बल्कि पूरे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
यह घटना प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा की स्थिति पर व्यापक चर्चा का विषय बन गई है, और इससे उत्पन्न आक्रोश ने सरकार को सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."