सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
20 जुलाई 2024 को सुबह करीब 11 बजे, पुणे के बानेर इलाके के निवासी सुदेश गुप्ता अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे कि अचानक उनके मोबाइल की घंटी बजी।
कॉल एक अंजान नंबर से थी। सुदेश ने कॉल उठाई और दूसरी ओर से एक भारी आवाज आई, जिसने पूछा, “क्या आप सुदेश गुप्ता बोल रहे हैं?” सुदेश ने हां में जवाब दिया।
इसके बाद कॉल करने वाले ने बताया कि वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी है और अगले दो घंटे में उनका नंबर ब्लॉक कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनकर सुदेश घबरा गए और कारण पूछा।
अधिकारी ने बताया कि उनके नंबर से कई लोगों को अश्लील मेसेज भेजे गए हैं और यह मामला बहुत संवेदनशील है। सुदेश ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई मेसेज नहीं भेजा, लेकिन अधिकारी ने कहा कि उनके विभाग के पास पुख्ता सबूत हैं और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुदेश ने कहा कि वह रिटायर्ड हैं और ऐसा काम नहीं कर सकते। अधिकारी ने उन्हें एक नंबर दिया और कहा कि वहां कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
जब सुदेश ने उस नंबर पर फोन किया, तो व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि न केवल मेसेज का मामला है, बल्कि उनकी बैंक अकाउंट से मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला सामने आया है।
उसने कहा कि गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा रहा है और उन्हें या तो क्राइम ब्रांच के दफ्तर आना होगा या घर से गिरफ्तार किया जाएगा।
सुदेश की चिंता बढ़ गई और उन्होंने कहा कि वे उम्रदराज हैं और गिरफ्तारी से बहुत बेइज्जती होगी।
पुलिस अधिकारी ने नरमी से बात करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिक जांच की जाएगी और अगर वे निर्दोष पाए गए तो मदद की जाएगी। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, बैंक विवरण और अन्य निवेश की जानकारी देने को कहा गया। सुदेश ने जानकारी दे दी।
इसके बाद, उस अधिकारी ने कहा कि उन्हें 55 लाख रुपए एक खाते में ट्रांसफर करने होंगे। उसने बताया कि जांच के बाद यह राशि वापस कर दी जाएगी। सुदेश ने वैसा ही किया।
अगले दिन, अधिकारी ने फिर से संपर्क किया और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला जुड़ा हुआ है, इसलिए उन्हें 20 लाख और 22 लाख रुपए के दो ट्रांसफर और करने होंगे। सुदेश ने ये राशि भी ट्रांसफर कर दी।
इसके बाद, अधिकारी ने फोन काट दिया और जब सुदेश ने उसी नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, तो वह बंद था।
सुदेश ने फिर से पहले दिन वाले नंबर पर कॉल किया, लेकिन वह भी बंद था। यह महसूस होते ही कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं, सुदेश तुरंत पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और अब मोबाइल नंबरों और खातों की जांच शुरू कर दी है, जिनमें सुदेश से 97 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."