जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
वाराणसी की विशेष नयायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की अदालत ने बलिया के नरही थाने में करोड़ों की अवैध वसूली करने वाले गैंग के सरगना, निलंबित थानेदार पन्ने लाल समेत सभी 20 आरोपियों का तीन दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दिया है।
अदालत ने 1 अगस्त की सुबह 10 बजे से 3 अगस्त की शाम 5 बजे तक सभी आरोपियों को पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया।
इस मामले के विवेचक, आजमगढ़ के एएसपी शुभम अग्रवाल ने अदालत में अर्जी देकर अनुरोध किया था कि आरोपियों से विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजा जाए।
अदालत ने इस अर्जी को स्वीकार करते हुए सभी आरोपियों को पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। अदालत ने निर्देश दिया है कि कस्टडी में रखने से पूर्व और जिला कारागार में दाखिल करते समय अभियुक्तों का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाएगा।
पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान, अभियुक्तों के साथ किसी भी प्रकार की प्रताड़ना, मारपीट, या शारीरिक तथा मानसिक हिंसा नहीं की जाएगी।
अभियुक्तों के अधिवक्ता पुलिस कार्यवाही के दौरान उचित दूरी पर उपस्थित रह सकते हैं, लेकिन विवेचना और साक्ष्य संकलन में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
इस रिमांड के तहत, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि पन्ने लाल को अवैध वसूली के खेल में किसने संरक्षण दिया और वह किस-किस को वसूली के पैसे देता था।
इसके अलावा, यह भी पता लगाया जाएगा कि पन्ने लाल ने काली कमाई से कहां-कहां संपत्ति बनाई है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया और आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने 24 जुलाई की रात नरही थाना क्षेत्र के भरौली तिराहे पर छापा मारकर बिहार से आने वाले ट्रकों से अवैध वसूली का भंडाफोड़ किया था।
इस प्रकरण में तत्कालीन नरही थानेदार पन्ने लाल समेत 20 लोगों के खिलाफ नरही थाने में लूट, डकैती, और भ्रष्टाचार सहित अन्य गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है।
Author: samachar
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