चुन्नीलाल प्रधान के साथ ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
25 जुलाई 2024 को दोपहर के वक्त गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी इलाके में एक महत्वपूर्ण घटना घटी। ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ नाम के ऑफिस के बाहर सामान्य हलचल चल रही थी, जब अचानक कुछ गाड़ियां वहां आकर रुकीं। गाड़ियों से तेजी से लोग बाहर निकले और ऑफिस के अंदर दाखिल हो गए। अंदर का दृश्य हैरान कर देने वाला था।
एक हॉल में 43 लोग अलग-अलग लहजे में फोन पर बातें कर रहे थे। हॉल पूरी तरह अंधेरा था और खिड़कियां पर्दों से ढकी हुई थीं। ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ के नाम पर चल रहा था करोड़ों रुपए का फर्जी खेल।
सीबीआई का छापा और गिरफ्तारियां
गुरुवार को सीबीआई की टीम ने ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ नाम के इस कॉल सेंटर पर छापा मारा। ऑफिस के बाहर बोर्ड ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ का लगा था, लेकिन अंदर का खेल पूरी तरह अलग था।
इन 43 फर्जी कॉल सेंटर एजेंटों का उद्देश्य अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के नागरिकों को अपना निशाना बनाना था। ये एजेंट लोगों को अपने जाल में फंसाते और फिर उनके अकाउंट को खाली कर देते। सीबीआई ने इस गैंग का पर्दाफाश कर दिया है और एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया है।
ठगी की कहानी: जामताड़ा से प्रेरित
यह फर्जी कॉल सेंटर का खेल पिछले दो सालों से चल रहा था। ‘द प्रिंट’ की रिपोर्ट के अनुसार, इन एजेंटों ने हर महीने लाखों डॉलर की रकम ठगी। लूटी गई रकम वर्चुअल एसेट्स और क्रिप्टो करेंसी के जरिए हांगकांग भेजी जाती थी।
इन 43 लोगों के पास हर देश के लिए खास स्क्रिप्ट तैयार रहती थी, और इन्हें सही लहजे में बात करने की रिहर्सल भी कराई जाती थी। यह पूरी प्रक्रिया नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘जामताड़ा’ में दिखाए गए ठगी के तरीकों जैसी थी।
कैसे काम करता था ठगी का खेल
ये कॉल सेंटर एजेंट खुद को माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों का अधिकारी बताकर लोगों को ठगते थे। वे बताते थे कि उनके लैपटॉप में समस्या है और इसे जल्द ठीक करना होगा।
इसके बाद टारगेट को पॉप-अप पर क्लिक करने के लिए कहा जाता, जिससे एक सॉफ्टवेयर उनके सिस्टम पर अपलोड हो जाता। यह सॉफ्टवेयर लैपटॉप को क्रैश कर देता और फिर उसे ठीक करने के लिए मोटी रकम की मांग की जाती। साथ ही, सिस्टम को ठीक करने की आड़ में ये एजेंट उनके लैपटॉप का एक्सेस भी प्राप्त कर लेते थे।
ऑपरेशन चक्र-III : साइबर ठगी का भंडाफोड़
सीबीआई ने इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ ऑपरेशन चक्र-III के तहत किया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य साइबर ठगी के फैलते जाल को खत्म करना है। जैसे ही सीबीआई को इस फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छापा मारा और 43 ठगों को गिरफ्तार कर लिया।
ठगों की चालाकी : ठिकाना बदलना और खातों का दुरुपयोग
ये ठग इतने चालाक थे कि हर दो महीने में अपना ठिकाना बदलते थे और कंपनी का नाम भी बदल देते थे। लोगों से ठगी गई रकम को अलग-अलग बैंक खातों के जरिए हांगकांग भेजा जाता था। ये खातों को आम लोगों को पैसे का लालच देकर खरीदते थे और ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल करते थे।
जब्त की गई सामग्री
सीबीआई ने गुरुग्राम के इस फर्जी कॉल सेंटर से 130 हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज, आर्थिक लेनदेन की डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग जब्त की है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."