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18 January 2025 6:41 pm

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पानी का बढता दायरा और बाढ़ की भयंकर दहाड़… लोगों को डरा रहा है, 20 जिलों के 900 गांवों में हाहाकार

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जिसमें गंगा और गोमती नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश के 20 जिलों के लगभग 900 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है और वे टापू में तब्दील हो गए हैं। राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया और उन्नाव शामिल हैं।

इन जिलों में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जैसे शाहजहांपुर में रामगंगा, गर्रा और खनौत, बलिया में घाघरा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में राप्ती, और सीतापुर में गोमती। वहीं लखीमपुर खीरी में शारदा, अयोध्या और बाराबंकी में घाघरा नदियां खतरे के निशान के करीब हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से उन्नाव के कई गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में पांच लोगों की जान चली गई है, और रायबरेली, सिद्धार्थनगर और बांदा में डूबने से चार लोगों की मृत्यु हो गई है। बांदा में सांप के काटने से भी एक व्यक्ति की जान चली गई है।

लखनऊ में इटौंजा और बख्शी का तालाब के कई घरों में पानी घुस गया है। NDRF, SDRF और PAC की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पिछले 24 घंटों में प्राकृतिक आपदा से पांच लोगों की मौत हो गई है।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर पिछले 48 घंटों में दो मीटर बढ़ा है। अगर बढ़ाव की गति यही रही तो अगले दो-तीन दिनों में घाटों और महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर बाढ़ का पानी आ सकता है। तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

सीतापुर जिले के गांजरी इलाके में नदियों का जलस्तर कम होने के बावजूद तेज बहाव से कई घरों का कटान हो गया है। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बाढ़ प्रभावित तीन तहसीलों के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य शिविरों में दवाओं और स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। फूड पैकेट का वितरण भी जारी है।

बाढ़ बचाव कार्य में तेजी लाई गई है। घाघरा और शारदा नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन अभी भी खतरा बना हुआ है। अधिकारियों द्वारा रात-दिन कार्य कर बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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