मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट
नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की सरकार गिर गई है। प्रधानमंत्री प्रचंड शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हार गए, जिससे उन्हें 19 महीने तक सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ना पड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल (नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) द्वारा उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को विश्वास मत लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। विश्वास मत हारने के बाद प्रचंड ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेस द्वारा समर्थित होकर नए प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में केवल 63 सदस्यों ने प्रचंड द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 194 ने इसका भारी विरोध किया।
दिसंबर 2022 से शुरू हुए प्रचंड के तीसरे कार्यकाल को गठबंधन सहयोगियों से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्हें 5 बार विश्वास मत पेश करना पड़ा, जिसमें से 4 बार वे सफल रहे, लेकिन पांचवें बार असफल रहे।
स्पीकर देव राज घिमिरे द्वारा प्रचंड की हार की घोषणा के तुरंत बाद सदस्यों को केपी शर्मा ओली को बधाई देते देखा गया। उम्मीद है कि ओली और नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा, दोनों पार्टियों के सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल से संयुक्त रूप से मुलाकात करेंगे और ओली को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने का दावा पेश करेंगे। इन दोनों दलों के पास सदन में कुल 167 सदस्यों का समर्थन है। नई सरकार को अपने गठन के 30 दिनों के भीतर संसद में विश्वास मत जीतना होगा।
Author: samachar
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