ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
हाथरस में हुए भीषण हादसे के बाद, नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम अचानक से मीडिया की सुर्खियों में आ गया है। एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई, जिससे बाबा के भक्तों का गुस्सा भड़क उठा। सत्संग कांड में 121 लोगों की मौत ने लोगों के अंदर इतना गुस्सा भर दिया है कि बाबा की तस्वीर पर भी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
पीड़ितों का गुस्सा और दर्द
हाथरस हादसे में मरे कई लोगों के परिवार अब बाबा पर पलटवार कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि भोले बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और सत्संग दोबारा न हो। ओमवती नामक एक महिला की इस भगदड़ में मौत हो गई थी। उनकी पुत्रवधू राधा ने कहा कि अब तक भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ओमवती 10-12 साल से बाबा के सत्संग में जाती थीं, लेकिन हादसे के बाद बाबा ने किसी की तरफ नहीं देखा।
एक अन्य महिला रेनू देवी की मां मुन्नी देवी की भी मौत हो गई। रेनू देवी ने मीडिया से कहा कि वह कभी बाबा के सत्संग में नहीं गईं, लेकिन उनकी मां बाबा के सत्संग में जाती थीं। उन्होंने अभी तक बाबा का कोई चमत्कार नहीं देखा और कहा कि हादसे का दोषी बाबा है और प्रशासन की भी लापरवाही है। गांव सोखना के विनोद कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के तीन सदस्यों – मां, पत्नी, और बेटी – को इस भगदड़ में खोया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बाबा की फोटो पर गुस्सा उतारते लोग, वीडियो देखने के लिए इस पंक्ति पर क्लिक करें
साकार हरि बाबा की तस्वीर पर गुस्सा
चमत्कार का दावा करने वाले स्वयंभू बाबा नारायण साकार विश्व हरि उर्फ सूरजपाल की तस्वीर पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है। लोगों ने बाबा की तस्वीर पर जूते और चप्पलों की बारिश कर दी। भड़के लोगों ने कहा कि साकार हरि कोई भगवान नहीं है, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए गरीब और भोले-भाले लोगों का इस्तेमाल कर रहा है।
हाथरस से लेकर अलीगढ़, कासगंज और एटा तक में अलग-अलग जगहों पर लोगों का गुस्सा फूटा। जिन बाबा को लोग विष्णु और कृष्ण का स्वरूप समझकर पूजा करते थे, अब उनकी तस्वीरों पर चप्पलें बरसाई जा रही हैं। एक जगह पोस्टर को कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया और एक महिला ने तस्वीर पर चप्पल फेंकी।
अलीगढ़ के नगला तिकौना गांव में रवि सैनी ने सत्संग में गई अपनी मां तारा देवी की मौत के बाद घर में टंगी बाबा की तस्वीर निकालकर फेंक दी। नाराज रवि ने कहा कि जो बाबा उसकी मां को सकुशल घर वापस नहीं लौटा सका, ऐसे बाबा के प्रति कैसी आस्था?
इस हादसे के बाद से लोगों में नाराजगी और गुस्से का माहौल है और वे चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."