दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
UP के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इसमें महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ ने उन्हें कुचल दिया और शवों के ढेर लग गए। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाल के सालों में ये सबसे बड़ी त्रासदी है।
भगदड़ उस समय हुई, जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने को टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की। लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गया। हादसे के 17 घंटे बाद भी पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिली है।
भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में है। उसने खुद की आर्मी बना रखी है। यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्ज हैं। UP पुलिस में हेड कांस्टेबल रहते हुए यौन शोषण का आरोप लगा तो उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जेल भी गया। बाहर आया तो नाम और पहचान बदल ली।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग में शिरकत की थी। अखिलेश यादव की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें वे आश्रम में नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित इस सत्संग में मंगलवार को एक भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 116 लोगों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि उस वक्त सत्संग सुनने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे।
अंदेशा लगाया जा रहा है कि बाबा आगरा, अलीगढ़ या राजस्थान में हो सकते हैं। क्योंकि यही तीन जगह बाबा के असली ठिकाने हैं। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने मंगलवार देर रात सर्च ऑपरेशन के बाद बताया था, ‘हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले। वह यहां नहीं हैं’। पुलिस अब लगातार उन जगहों का पता लगा रही है जहां बाबा मिल सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज हाथरस आएंगे और हादसे वाली जगह का दौरा करेंगे। उन्होंने ADG आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह हादसा है या साजिश, सरकार इस पूरे घटनाक्रम की तह में जाकर पता लगाएगी। इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी हो। यूपी सरकार ने हाथरस हादसे में मृतकों के परिजनों को ₹2-2 लाख तथा घायलों को ₹50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के भक्त सिर्फ यूपी के आगरा, संभल, ललितपुर, अलीगढ़, बदायूं, कासगंज, मथुरा, औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बुलंदशहर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हरियाणा, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में भी उनके अनुयायी हैं। ये लोग बाबा के सत्संग में नियमित रूप से पहुंचते हैं।
सत्संग के दौरान अखिलेश यादव ने भी बाबा की जय-जयकार में हिस्सा लिया था। एक बार वह बाबा के सत्संग में गए थे और मंच के नीचे लगे एक माइक से उन्होंने भक्तों को संबोधित भी किया था। संबोधन से पहले उन्होंने एक पर्चे पर लिखी बाबा की जय-जयकार को कई बार पढ़ा और फिर अपने भाषण में बाबा की तारीफ भी की थी।
अखिलेश यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर भी इसी अंदाज में बाबा की जय-जयकार लिखी और सत्संग में अपनी तस्वीरें साझा की थीं। अब ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। एक फोटो में वह सत्संग के वीआईपी जोन में कुछ लोगों के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं, और उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी भी उनके पीछे खड़े नजर आ रहे हैं।
इस तरह अखिलेश यादव की सत्संग में उपस्थिति और उनके एक्स हैंडल पर बाबा की जय-जयकार ने लोगों का ध्यान खींचा है, जबकि भगदड़ की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है।
हाथरस हादसे को लेकर मुख्य सेवादार और आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है, जबकि FIR में बाबा का नाम शामिल नहीं है। हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि अब तक कुल 116 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 32 शव लाए गए हैं, जिनमें से 19 की पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम बाकी लोगों की पहचान कर रहे हैं।
अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विशाक जी अय्यर ने बताया कि 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं और कुल तीन घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से एक की हालत गंभीर है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह एक “दुर्घटना थी या साजिश।” उन्होंने पुष्टि की कि राज्य सरकार हाथरस की घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि भगदड़ के पीछे भीड़भाड़ एक कारण थी। मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सत्संग के बाद, भक्त बाबा नारायण हरि के वाहन के पीछे भाग रहे थे, जिन्हें साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है और उन्होंने ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, जबकि कुछ लोग आयोजन स्थल से मिट्टी लेने के लिए नीचे झुके और गिर गए। मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार के साथ भगदड़ स्थल का दौरा किया।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि ज़्यादातर पीड़ित महिलाएं और बच्चे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शलभ माथुर ने बताया कि 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राज्य सरकार ने कहा कि आगरा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ संभागीय आयुक्त घटना की जांच करने वाली टीम का हिस्सा हैं। टीम को 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
भोले बाबा यूपी पुलिस के भूतपूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने 18 साल तक स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) के साथ काम किया और 1990 में एटा में तैनाती के दौरान आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। अपनी खास शान-शौकत के लिए मशहूर, एटा-कासगंज और ब्रज क्षेत्र और कुछ अन्य इलाकों में निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों के बीच उनके बहुत बड़े प्रशंसक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस में हुई भगदड़ में लोगों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मोदी ने इस त्रासदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात की।
जर्मनी, फ्रांस, चीन और इजराइल समेत कई देशों के राजदूतों ने भगदड़ में हुई मौतों पर शोक जताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह इस दुखद घटना से बेहद व्यथित हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल किया कि जब उन्हें पता था कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे, तो सरकार ने क्या तैयारियां कीं। अखिलेश यादव ने कहा, “हमें यह जानकारी तब मिली जब हम संसद में थे।
सवाल यह है कि जब ऐसी घटना हुई, तब सरकार क्या कर रही थी? इतने लोगों की जान चली गई। इसके लिए वे ही जिम्मेदार हैं। मृतकों के परिजनों को मदद दी जानी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि सरकार घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करेगी।”
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."