दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
मानसून में बारिश एक स्वाभाविक चक्र है, लेकिन शहरों-महानगरों के लिए अब इसे एक तकलीफदेह दौर के रूप में जाना जाने लगा है। शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में हुई बरसात के बाद जैसे हालात पैदा हुए, वह जितना बारिश का नतीजा है, उससे ज्यादा इसके लिए सरकार और समूची व्यवस्था की लापरवाही, अदूरदर्शिता और कुप्रबंधन जिम्मेवार है।
देखते देखते लबालब पानी
कुछ घंटों की बारिश के बाद दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में जिस तरह व्यापक जलजमाव देखा गया, सड़कों पर पानी भर गया, बस और कार जैसे वाहन उसमें फंस गए, यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ, वह कोई नई घटना नहीं है। जब भी यहां कुछ घंटे ज्यादा बारिश होती है, तो उसके बाद समूचा जनजीवन लगभग ठप्प हो जाता है।
हालत यह है कि दिल्ली के केंद्रीय इलाकों में भी पानी भर जाता है और लोगों के सामने कई तरह की मुश्किलें पैदा होती हैं। सवाल है कि क्या इससे उपजी अव्यवस्था के लिए केवल बरसात को बहाना बनाया जा सकता है।
आखिर हर वर्ष ऐसी स्थिति पैदा होने के बावजूद इससे सबक क्यों नहीं लिया जाता और बरसात के पहले ही ऐसे इंतजाम क्यों नहीं किए जाते कि सड़कों या मुहल्लों में जलजमाव न हो?
यह उम्मीद की जाती है कि देश की राजधानी होने के नाते बाकी जगहों के मुकाबले दिल्ली में सरकारी तंत्र और प्रशासन के स्तर पर ऐसी चौकसी होगी कि मौसम या किसी भी वजह से उपजी अव्यवस्था से तत्काल निपटने के ठोस इंतजाम होंगे।
मगर सामान्य बारिश में भी दिल्ली के कई इलाकों के सड़कों-मुहल्लों में नालियां और बड़े नाले जाम हो जाते हैं। नतीजतन, समूचा पानी सड़क पर बहता देखा जाता है। संबंधित सरकारी महकमे समय रहते पानी की निकासी के लिए एक बेहतर तंत्र को सक्रिय करने को लेकर शायद ही कभी गंभीर दिखते हैं।
आम लोगों के स्तर पर भी लापरवाही बरती जाती है, जब लोग अपने घर से कचरा निकालते हैं और सड़क किनारे नालियों या नालों में डाल देते हैं। इसकी वजह से जाम होने वाली नालियां मुख्य सड़कों तक पर व्यापक जलजमाव का कारण बनती हैं।
सिर्फ पानी की निकासी की व्यवस्था को ही पूरी तरह दुरुस्त बना कर इस समस्या पर लगभग काबू पाया जा सकता है। विडंबना यह है कि सरकारी तंत्र की नींद तब तक नहीं खुलती, जब तक घनघोर अव्यवस्था न फैल जाए!
दिल्ली में हाल ही में हुई भारी बारिश और इसके बाद आई बाढ़ के कारण विभिन्न इलाकों में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई।
इस स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तैमूर नगर, बारापुला नाला, आईटीपीओ, तिलक ब्रिज, कुशक नाला, गोल्फ लिंक्स और भारती नगर जैसे गंभीर रूप से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने पाया कि इन नालों में भारी मात्रा में गाद और कचरा जमा हो गया है, जिसके कारण ओखला, तैमूर नगर, शाहीन बाग, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और महारानी बाग जैसे क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इस दौरे के दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ एनडीएमसी के मुख्य सचिव-सह-अध्यक्ष, एमसीडी आयुक्त और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उपराज्यपाल ने सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे संभावित बाढ़ की समस्याओं को रोकने के लिए नालों की सफाई में तेजी लाएं। उन्होंने नालों के किनारे अतिक्रमण को तेजी से हटाने पर भी जोर दिया।
आईटीपीओ, तिलक ब्रिज, कुशक नाला, गोल्फ लिंक्स और भारती नगर में निरीक्षण के दौरान, वीके सक्सेना ने देखा कि कचरे और मलबे की वजह से नालियाँ बंद हो गई हैं, जिससे जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने तत्काल नालियों की सफाई और उनमें जमा गाद को निकालने का निर्देश दिया और आवश्यकता पड़ने पर पंप का इस्तेमाल करने को भी कहा।
राजस्थान में भी झमाझम बारिश
दिल्ली में इन हालात के बीच, राजस्थान के कई हिस्सों में भी बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और मौसम सुहाना हो गया है।
हालांकि, बारिश के बाद कई जगहों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बीकानेर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के चलते जलजमाव देखा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान के कुछ और भागों में आगे बढ़ा है। आगामी दो-तीन दिनों में जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और कुछ जगहों पर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
यूपी के कई इलाके में अलर्ट
बीते कई दिनों से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग अधिकतर हिस्सों में बारिश हो चुकी है। रविवार को महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच लखीमपुर खीरी समेत कई जिलों मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। वहीं, 30 जून को पश्चिमी और पूर्वी यूपी में अधिकांश जगहों पर गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान दोनों जगहों पर कहीं कहीं पर भारी से बहुत भारी होने की संभावना है। साथ ही कई जगहों पर बादल गरजने के साथ ही बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।
18 घंटे बाद हुई पहचान
मॉनसून ने संभावित तारीख से पांच दिन बाद शुक्रवार रात शहर में दस्तक दे दी। रात आठ बजे के बाद कई इलाकों में मॉनसून की पहली बारिश हुई, लेकिन मौसम विभाग ने शनिवार दोपहर दो बजे इसकी आधिकारिक पुष्टि की।
अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार रात आठ बजे के बाद तेज बारिश हुई। ऐसे में बीते 24 घंटे में मौसम विभाग ने 56 मिमी बारिश रेकॉर्ड की, जबकि शनिवार सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक महज 0.4 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं, दिन का तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री कम 33.8 डिग्री सेल्सियस रहा। फिलहाल मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिन तेज बारिश के आसार जताए हैं।
लखनऊ के कई हिस्सों में बारिश
अमौसी स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शहर के कई इलाकों में शुक्रवार रात तेज बारिश हुई, लेकिन मॉनसून घोषित करने से पहले कई बिंदुओं पर पड़ताल की जाती है। इसमें सबसे अहम है, हवा की दिशा। आमतौर पर जनवरी से मई तक हवा की दिशा पछुआ से उत्तरी पश्चिमी होती है।
मॉनसून के लिए हवा की दिशा 120 डिग्री बदलनी चाहिए। इसमें हवा पूर्व से दक्षिणी पूर्वी होती है। साथ ही इसकी रफ्तार 3 मीटर प्रति सेकंड होनी चाहिए। हवा सतह के बजाय डेढ़ से तीन किमी ऊपर तक चलनी चाहिए। इसके साथ बादल घने हों और कई जगह बारिश हुई हो।
आज अच्छी बारिश के आसार
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, रविवार को शहर में बादल छाए रहेंगे। तेज बारिश के साथ दिन और रात के पारे में भी गिरावट होगी। साथ ही प्रदेश में ज्यादातर हिस्सों में बारिश होगी। अगले 48 घंटे में मॉनसून प्रदेश के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाएगा।
मौसम विभाग ने रविवार को लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या, सीतापुर, हरदोई, बस्ती में गरज चमक के साथ तेज बारिश और आंधी तूफान के साथ बिजली गिरने की येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, कुशीनगर, रायबरेली समेत कई जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
इन जिलों को लेकर भी अलर्ट
रविवार को कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया और गोरखपुर में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार है। साथ ही संतकबीर नगर, मथुरा, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत और आसपास के क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."