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November 1, 2024 7:07 pm

आखिर इस उपचुनाव से दूरी बनाए रखने के फैसले क्यों लिए सपा ने… कहीं बीजेपी की ताकत से डर तो नहीं… 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है और अब वे उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। इस बीच, एमएलसी चुनाव की एक सीट को लेकर हलचलें तेज हो गई हैं। यह सीट सपा से एमएलसी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। 

हालांकि, अब सपा इस चुनाव से पीछे हटती नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, सपा इस उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। यूपी विधानपरिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई एमएलसी सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है। जिसके लिए दो जुलाई तक नामांकन भरे जाएंगे। लेकिन, सपा की ओर से इस उपचुनाव को लेकर अब तक कोई नाम सामने नहीं आया है और सपा इस उपचुनाव से अलग रहने का मन बना चुकी है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला अखिलेश यादव को लेना है और अभी उनकी तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

समाजवादी पार्टी ने विधायकों की संख्या को देखते हुए उपचुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया है। सपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है, जबकि बीजेपी की जीत निश्चित मानी जा रही है। ऐसे में सपा हारी हुई बाजी पर दांव नहीं लगाना चाहती है। दूसरी ओर, बीजेपी ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार को लेकर कोई घोषणा नहीं की है।

यूपी विधानपरिषद उपचुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 2 जुलाई है और 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। शाम 5 बजे वोटों की गिनती शुरू होगी और उसके बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। यह सीट विधानसभा कोटे की है और विधायकों की संख्या के हिसाब से जीत का फैसला होगा। बीजेपी के पास अधिक विधायक हैं, इसलिए उनकी जीत निश्चित मानी जा रही है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले सपा पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी और एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."