निधि तिवारी की रिपोर्ट
गुरुवार, 27 जून की सुबह लगभग 7 से 8 बजे का वक्त था। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के केशमपुर गांव में लोग अपने रोजमर्रा के कामों में लगे हुए थे। तभी गांव में लगभग आठ साल का एक लड़का बदहवाश हालत में दौड़ता हुआ पहुंचा। उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था और वह बुरी तरह हांफ रहा था। गांववालों ने उसे बैठाया, पानी पिलाया और पूछा कि वह कौन है और कहां से आया है।
लड़का कांप रहा था, कुछ बोल नहीं पा रहा था। उसने बस अपने हाथ से गांव की नदी की तरफ इशारा किया। गांव के कुछ लोग तुरंत नदी की ओर दौड़े और वहां पहुंचकर देखा तो नदी में दो बच्चों की लाशें तैर रही थीं। बच्चों की उम्र लगभग 5-6 साल के बीच रही होगी।
बाकी लोग भी उस लड़के को लेकर घाट पर पहुंच गए। तुरंत ही मामले की खबर पुलिस को दी गई। कुछ ही देर में गोताखोरों की मदद से पुलिस ने दोनों बच्चों की लाशों को बाहर निकाल लिया।
किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है। मामला दो बच्चों की मौत का था, इसलिए आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने उस लड़के से बात की और पूछा कि इन दोनों बच्चों को किसने मारा।
कांपती हुई आवाज में लड़के ने जवाब दिया – “मां ने।”
लड़के का जवाब सुनकर पुलिस अधिकारी हैरान रह गए और घाट पर मौजूद लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गई।
तीन लाशें, चौथे की गवाही और एक रहस्य
पूछताछ में लड़के ने बताया कि वे चार भाई थे, जिनमें से तीन को मां ने नदी में डुबोकर मार दिया। जो बच्चे मारे गए थे, वे उसके छोटे भाई थे। पुलिसकर्मियों के बीच हलचल मच गई और तुरंत तीसरे बच्चे की तलाश में गोताखोरों की टीम नदी में उतर गई।
कुछ घंटों बाद, 2 साल के एक बच्चे की लाश भी उसी नदी में मिल गई। चार बच्चों में से तीन की लाशें मिल चुकी थीं और चौथा बच्चा पुलिस के सामने खड़ा था। लेकिन जिस मां को उसने हत्यारी बताया, वह कहां गई थी?
लड़के की जानकारी के आधार पर पुलिस की एक टीम तुरंत उसके गांव के लिए रवाना हुई और कुछ देर बाद प्रियंका नाम की उस मां को गिरफ्तार कर लिया।
अवैध रिश्ते के लिए बच्चों का कत्ल
प्रियंका से पूछताछ शुरू हुई। गांववालों और रिश्तेदारों से बातचीत के बाद पुलिस के सामने एक ऐसी कहानी आई जो बेहद दिल दहला देने वाली थी। यह कहानी थी अवैध रिश्ते के लिए खून के रिश्तों को खत्म करने की।
30 वर्षीय प्रियंका की शादी करीब 10 साल पहले इटावा जिले के लुहिया गांव के अवनीश से हुई थी। उनके चार बच्चे थे – 8 साल का सोनू, 6 साल का माधव, 5 साल का आदित्य और 2 साल का मंगल। लगभग दो साल पहले अवनीश की मौत हो गई। इस दौरान प्रियंका की नजदीकी उसके चचेरे देवर आशीष के साथ बढ़ गई और दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए।
गांववालों और रिश्तेदारों से मिली जानकारी के मुताबिक, आशीष के दबाव में प्रियंका ने अपने बच्चों को रास्ते से हटाने का सोचा। आशीष नहीं चाहता था कि प्रियंका के बच्चे उसके और प्रियंका के रिश्ते में बाधा बनें। इसलिए, प्रियंका ने अपने कलेजे के टुकड़ों को मारने का निर्दयी निर्णय लिया।
इस घटना ने न केवल केशमपुर गांव को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। पुलिस ने प्रियंका को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दिल दहला देने वाले अपराध ने एक बार फिर से समाज में अवैध संबंधों और उनके परिणामों की गंभीरता को उजागर किया है।
प्रियंका अब औरैया में ही एक किराए के कमरे में अपनी सास, चार बच्चों और चचेरे देवर आशीष के साथ रहने लगी थी। आशीष की कोई स्थाई नौकरी नहीं थी। कभी-कभी वह सैलून की दुकान पर काम करने चला जाता था, लेकिन नियमित आय का कोई स्रोत नहीं था।
प्रियंका की सास अपने परिवार की गुजर-बसर के लिए दूसरों के घरों में काम करती थी। इस बीच, प्रियंका और आशीष के बीच झगड़े होने लगे।
आशीष अक्सर कहता था कि वह इन चार बच्चों की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता। वह प्रियंका से कहता कि या तो इन बच्चों को अपने मायके छोड़ आओ या फिर मार दो।
खौफनाक योजना
बुधवार की रात प्रियंका और आशीष के बीच फिर झगड़ा हुआ। गुरुवार सुबह, प्रियंका ने चारों बच्चों को नानी के घर जाने का बहाना बनाकर घर से निकला। रास्ते में उसने बच्चों को नशीला पदार्थ मिले बिस्कुट खिलाए और उन्हें केशमपुर घाट पर लेकर पहुंची। वहां पहुंचकर उसने अपनी मां को फोन किया और कहा कि वह बच्चों के साथ आत्महत्या करने जा रही है। तब तक बच्चों पर नशे का असर होने लगा था।
प्रियंका ने सबसे पहले 2 साल के मंगल को नदी में फेंका, फिर 5 साल के आदित्य को और इसके बाद 6 साल के माधव को। तीनों बच्चों को नदी में डुबोने के बाद उसने सबसे बड़े बेटे 8 साल के सोनू को भी नदी में फेंक दिया। लेकिन, सोनू पर नशे का असर नहीं हुआ और उसने तैरकर बाहर निकलने में सफलता पाई। उसके शरीर से कपड़े भी निकल चुके थे। बाहर निकलते ही वह गांव की ओर दौड़ा और लोगों को घटनास्थल पर लेकर आया।
मासूम सोनू की गवाही
सोनू ने गांववालों को बताया कि उसकी मां ने उसके तीन भाइयों को नदी में डुबोकर मार दिया है। पुलिस को खबर की गई और जल्द ही गोताखोरों की मदद से तीनों बच्चों की लाशें नदी से बाहर निकाली गईं। सोनू ने पुलिस को बताया कि मां ने ही यह खौफनाक कदम उठाया है।
प्रियंका की गिरफ्तारी
प्रियंका की मां ने पुलिस को बताया कि पति की मौत के बाद प्रियंका अपने चचेरे देवर आशीष के साथ रहने लगी थी। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। गुरुवार सुबह जब प्रियंका ने फोन पर मरने की बात कही, तो मायके के लोग तुरंत उसके घर पहुंचे, लेकिन वह वहां नहीं मिली। बाद में पता चला कि उसने अपने तीन बच्चों को नदी में डुबोकर मार दिया है।
पुलिस ने प्रियंका और उसके चचेरे देवर आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। आठ साल का मासूम सोनू अभी तक उस खौफनाक मंजर को नहीं भुला पा रहा है, जब उसकी मां ने उसके तीन भाइयों की जान अपने हाथों से ले ली।
यह दर्दनाक घटना एक बार फिर से दिखाती है कि अवैध रिश्ते और गरीबी कैसे परिवारों को बर्बादी की कगार पर ला सकते हैं। प्रियंका ने अपने बच्चों को मारकर न केवल अपने जीवन को बर्बाद किया, बल्कि अपने परिवार और समाज में भी एक गहरा जख्म छोड़ दिया।
सोनू के रूप में यह घटना एक मासूम गवाह को छोड़ गई है, जिसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई है। पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."