अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के जीवन में एक बड़ा खुलासा हुआ। उन्हें अपने विवाह के 14 वर्ष बाद यह पता चला कि उनकी पत्नी का पहले ही निकाह हो चुका था।
असल में, उनकी पत्नी ने उनसे शादी से चार वर्ष पूर्व इस्लाम धर्म अपनाकर एक मुस्लिम युवक से निकाह किया था। यह जानकारी उन्हें 13 मई, 2024 को तब मिली जब उन्होंने अपने बेडरूम में कुछ कागजात देखे।
प्रोफेसर का विवाह 27 जून, 2011 को असम की एक युवती से हुआ था। इस विवाह से उनके एक बेटा और एक बेटी हैं। आरोप है कि विवाह के बाद से ही उनकी पत्नी का व्यवहार आक्रामक और अमानवीय रहा, परंतु सामाजिक दबाव के चलते प्रोफेसर ने इस संबंध को निभाने का प्रयास किया।
इस खुलासे के बाद प्रोफेसर ने अपनी पत्नी, सास और श्वसुर के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रामाश्रय यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
प्रोफेसर ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उनकी पत्नी और उसके माता-पिता ने उनसे मारपीट की और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। एक बार तो जानलेवा हमला भी हुआ।
इसके अलावा, जब उन्होंने अपनी पत्नी को गुटखा खाने से मना किया तो उसने झूठा मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की। उनकी बुजुर्ग मां से भी मारपीट की गई।
प्रोफेसर ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी का वाराणसी के एक युवक से संपर्क है और वह एक माह तक घर से गायब रही। इस दौरान उसने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित करके प्रोफेसर को बदनाम किया और आत्महत्या की धमकी भी दी। छात्राओं और सहकर्मियों के साथ उनकी फोटो लगाकर चारित्रिक हनन का भी प्रयास किया।
इन सब कारणों के चलते प्रोफेसर ने अंततः अपनी पत्नी को घर से बाहर कर दिया और न्याय की मांग की।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."