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November 22, 2024 2:10 pm

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एक तरफ बिजली चोरी रोकने के हो रहे उपाय तो दूसरी ओर एक्सईएन और इंजीनियर चोरी छुपाने के लिए ले रहे हैं रिश्वत

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ, उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बिजली चोरी से जुड़े एक मामले को दबाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में नादरगंज डिविजन के एक्सईएन, एसडीओ और दो जेई को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज होने के बाद की गई।

शिकायतकर्ता निलमथा इलाके के निवासी थे, जिन्होंने बताया कि 23 जून को निलमथा के विजय नगर स्थित उनके घर पर एसडीओ राजेश कुमार, जेई जितेंद्र कुमार और जेई शिव प्रसाद ने छापा मारा। इस दौरान उन्हें विनोद कुमार सिंह और प्रदीप कुमार सिंह के नाम पर दो बिजली कनेक्शन मिले। जांच में पाया गया कि विनोद के मीटर पर चार किलोवॉट की बिजली चोरी हो रही थी।

शिकायत के अनुसार, एसडीओ ने बिजली कनेक्शन काटने के बाद एफआईआर दर्ज कराने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की। विनोद कुमार ने उसी दिन जेई जितेंद्र कुमार को 40 हजार रुपये देकर बिना मीटर के दोनों कनेक्शन जुड़वा लिए। अगले दिन उन्होंने जेई और एसडीओ को दो लाख रुपये और दिए, लेकिन एसडीओ ने कोई चेकिंग रिपोर्ट या कागजी प्रमाण नहीं दिया।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के अनुसार, जांच के दौरान एक्सईएन दुर्गेश यादव ने मामले की जानकारी होने से इनकार किया। एसडीओ ने तर्क दिया कि शमन शुल्क जमा होने के बाद एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई। इस मामले में एक्सईएन दुर्गेश यादव को मुख्य अभियंता बरेली-द्वितीय से संबद्ध किया गया है, जबकि एसडीओ राजेश कुमार को अयोध्या और जेई जितेंद्र कुमार मिश्रा व शिव प्रसाद मिश्रा को देवीपाटन क्षेत्र-गोंडा से संबद्ध किया गया है।

इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि बिजली चोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि किसी भी तरह की अनियमितता और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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