इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर में जीआरपी को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने ट्रेन में मच्छरदानी बेचने के बहाने चोरी करने वाले शातिर गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। खास बात यह है कि इनमें से दो आरोपी जीजा-साले हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से चार लाख रुपये के गहने, मोबाइल फोन और 11 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। इस गिरफ्तारी से कई चोरी की घटनाओं का खुलासा हुआ है।
एसपी रेलवे डॉ. अवधेश सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुजफ्फरपुर के राहुल मांझी, सुरेश मांझी और रोहतास जिले के अमेले खरवार के रूप में हुई है। इस गैंग का सरगना राहुल मांझी है। तीन दिन पहले उसकी पत्नी नीमा समेत तीन महिलाओं को चोरी के मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया था। अमेले खरवार, राहुल का साला है। यह सभी रेलवे स्टेशन के आसपास टेंट लगाकर रहते थे और खुद को फेरीवाला बताते थे ताकि पुलिस को झांसा दे सकें।
जीआरपी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह की टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
रेलवे एसपी डॉ. अवधेश सिंह ने बताया कि कई दिनों से ट्रेनों में चोरी की घटनाएं हो रही थीं। जीआरपी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी।
मुखबिरों से सूचना मिली कि प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर कुछ लोग संदिग्ध रूप से घूम रहे हैं। उन्हें रोककर पूछताछ की गई और तलाशी लेने पर उनके पास से चार लाख रुपये के गहने, मोबाइल फोन और 11 हजार रुपये मिले।
एसपी रेलवे डॉ. अवधेश सिंह ने बताया, “सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपियों का पूरा गैंग है जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। 28 मई को दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था।
आज जो आरोपी राहुल मांझी और अमेले खरवार पकड़े गए हैं, वे जीजा-साले हैं। राहुल मांझी, पहले गिरफ्तार महिला विभा का पति है।
अमेले खरवार की भाभी भी इस क्राइम में शामिल है। ये सभी लोग पहले दीनदयाल उपाध्याय नगर में रहते थे और रेलवे स्टेशन पर चोरी का धंधा करते थे। वे स्टेशन के करीब ही डेरा डालते थे और महिलाओं के साथ मिलकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते थे।”
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."