नौशाद अली की रिपोर्ट
एक युवक, जो रोजी-रोटी की तलाश में रूस गया था, की दर्दनाक कहानी है। गोंडा जिले के वजीरगंज थाना के दर्जीपुरवा गांव के रहने वाले मोहम्मद हुसैन का 28 वर्षीय बेटा अली हुसैन, एजेंट रविउल्लाह के माध्यम से रूस गया था। एजेंट ने अली को 2023 के 6 दिसंबर को रूस की एक कंपनी, एलएलसी बुलावा माइंस, में कपड़ों की सिलाई करने के लिए भेजा था। वादा किया गया था कि अली को वहां कुल 9 घंटे काम करना होगा, लेकिन जब अली वहां पहुंचा तो उसे 16 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया गया।
अली को कंपनी में अत्यधिक काम करने के साथ-साथ भरपेट खाना भी नहीं मिल रहा था। उसने अपने घर पर फोन करके बताया कि उसे बहुत कम खाना दिया जा रहा है और अत्यधिक काम लिया जा रहा है, जिससे उसकी सेहत भी खराब हो रही है। उसने अपने पिता से कहा कि अगर उसे जल्द ही वहां से नहीं बुलाया गया, तो उसकी डेड बॉडी ही घर लौटेगी।
अली की परेशानियाँ और भी बढ़ गईं जब उसने अपनी स्थिति का विरोध किया। कंपनी के लोग उसे यातना देने लगे और उसे प्रताड़ित किया गया। उसकी लगातार बुरी हालत को देखते हुए, अली ने अपने घर लौटने की मांग की, लेकिन उसकी यह मांग उसकी जिंदगी के लिए खतरा बन गई।
2 जून की रात को, आरोप है कि कंपनी के लोगों ने अली हुसैन की धारदार हथियार से हत्या कर दी। उसके पिता, मोहम्मद हुसैन, को 4 जून को इस घटना की जानकारी दी गई। पिता ने एजेंट रविउल्लाह से अपने बेटे का शव रूस से मंगवाने के लिए संपर्क किया, लेकिन एजेंट ने इसमें मदद करने से इंकार कर दिया।
यह घटना न केवल अली हुसैन के परिवार के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए एक चेतावनी है, जो विदेश में नौकरी की तलाश में एजेंटों के माध्यम से जाते हैं। इस दुखद कहानी से यह स्पष्ट होता है कि विदेश में नौकरी की तलाश के दौरान आने वाली चुनौतियों और जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी और सावधानी बरतना कितना आवश्यक है।
विदेश में नौकरी के दौरान हुई दुखद घटना के बाद, अली हुसैन का शव रूस से वापस लाया गया। मृतक के पिता मोहम्मद हुसैन ने अपने बेटे के शव को रूस से मंगवाने के लिए क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया से सहायता की गुहार लगाई। उन्होंने 11 जून को पत्र के माध्यम से मंत्री को मामले से अवगत कराया।
राजा भैया ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आवश्यक लिखा-पढ़ी करने के बाद अली हुसैन के शव को रूस से मंगवाने की प्रक्रिया शुरू की। उनके प्रयासों से शुक्रवार की रात अली हुसैन का शव दिल्ली के एयरपोर्ट पर लाया गया। वहाँ से एंबुलेंस के माध्यम से शव को शनिवार की सुबह वजीरगंज के चड़ौवा गांव पहुँचाया गया।
मृतक के पिता मोहम्मद हुसैन ने बताया कि उनके परिवार का कब्रिस्तान मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के पैतृक गांव रामापुर में है। वहाँ पर अली हुसैन को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अली हुसैन, अपने पिता के आठ संतानों में दूसरे नंबर का बेटा था। उसके एक बड़ा भाई, दो छोटे भाई और चार छोटी बहनें हैं। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है और विदेश में काम करने के खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."