इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने आज रुद्रपुर तहसील में गुर्रा नदी तथा राप्ती नदी पर बाढ़ नियंत्रण खंड द्वारा किए जा रहे हैं विभिन्न कटानरोधी कार्यों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी समस्त परियोजनाएं 30 जून से पूर्व प्रत्येक दशा में पूर्ण हो जानी चाहिए। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता नहीं होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में रुद्रपुर में बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी पांच परियोजनाओं पर कार्य किया गया है। इन परियोजनाओं में 2 करोड़ 98 लाख रुपए की लागत से राप्ती नदी के बाये तट पर निर्मित नगवा जमींदारी तटबंध के किमी एक से किमी 1.300 के मध्य निकट ग्राम नगवां खास में कटान स्थल पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की परियोजना, 2.81 करोड़ रुपये की लागत से नकइल-सेमरौना तटबंध पर ग्राम तलसपुरवा में पीपी गैवियन रोप में जिओ बैग भरकर एज कटिंग से कटाव रोकने के परियोजना, 3.68 करोड़ रुपए की लागत से गुर्रा नदी के बाएं तट पर स्थित पिडरा-करनपुर तटबंध के ग्राम करौता के पास किमी 3.190 से किमी 3.490 के मध्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य परियोजना, पांडेय माझा-जोगिया तटबंध पर 2 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से ग्राम शीतल माझा में तथा कटाव निरोधी कार्य की पुनर्स्थापना तथा राप्ती नदी पर स्थित नकइल-सेमरौना तटबंध पर 8.570 किमी पिच रोड निर्माण की परियोजना शामिल है।
ये सभी परियोजनाएं पूर्णता के अंतिम चरण में हैं। 30 जून से पूर्व इन सभी परियोजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए है। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से संवाद कायम कर पूर्व के बाढ़ के संबंध में जानकारी भी प्राप्त की।
इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में पिडरा, एकौना, डढ़िया, मदनपुर-केवटलिया, छितुपुर-भागलपुर, पिंडी, शीतलमाझा, गायघाट एवं नदावर आदि 9 स्थानों पर बाढ़ नियंत्रण चौकियां स्थापित की गई है जो 24×7 क्रियाशील रहेंगी। जनपद में आठ संवेदनशील तटबंध चिन्हित किए गए हैं।
जिलाधिकारी अधिशासी अभियन्ता बाढ़ नियंत्रण को सभी आठ संवेदनशील तटबंधों की निगरानी करने का निर्देश दिया और कहा कि यदि किसी तटबंध में कोई कमी दिखे तो उसे समय रहते दूर कर लिया जाए। गोर्रा नदी पर पाण्डेयमाझा-जोगिया तटबंध की विशेष निगरानी की जाए। डीएम ने बताया कि दो वायरलेस स्टेशन पर पिडरा घाट एवं पिंडी में स्थापित किया जाएगा, जो 21 अक्टूबर 2024 तक संचालित रहेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि तटबंधों के सुरक्षार्थ रेट होल्स एवं साही के मांद को चिन्हित कर भरवाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि आवश्यकतानुसार तटबंधों पर रेनकट्स इत्यादि का कार्य कराया गया है। तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है। जनपद में नदियों के गेज लेने के लिए भेड़ी, बरहज, पिंडरा एवं नदावर में गेज स्थल स्थापित किए गए हैं। वर्षा जल निकासी हेतु तटबंध पर 52 रेगुलेटर निर्मित हैं। क्षतिग्रस्त रेगुलेटरों की मरम्मत, आयलिंग, ग्रीसिंग आदि का कार्य करा दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि 25 तटबंधों पर 53 बाढ़ सुरक्षा समितियां गठित की गई हैं, जिसमें जूनियर इंजीनियर, ग्राम प्रधान, भूतपूर्व प्रधान एवं ग्राम के गणमान्य नागरिक सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त बाढ़ संभावित क्षेत्रों में कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए विशेष सत्र आयोजित करने का भी निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ की आपात स्थिति में लोगों की आवागमन को सुचारू बनाए रखने के लिए नावों की व्यवस्था एवं गोताखोरों की सूची तैयार कर ली गई है।
इस दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय, एसडीएम रुद्रपुर रत्नेश तिवारी, प्रशिक्षु एसडीएम धीरेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता बाढ़ नियंत्रण खंड राधेश्याम प्रसाद, सहायक अभियंता सचिन अग्रवाल सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
Author: News Desk
Kamlesh Kumar Chaudhary