हरीश चन्द्र गुप्ता और सुमित गुप्ता की रिपोर्ट
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कोरबा लोकसभा को छोड़कर 11 में से 10 सीटें बीजेपी ने जीती हैं। अब प्रधानमंत्री के साथ नए मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है। इन मंत्रियों में छत्तीसगढ़ से भी एक मंत्री शामिल हैं, तोखन साहू।
छत्तीसगढ़ में अच्छे प्रदर्शन के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक स्थान मिलना निश्चित था, लेकिन यह तय नहीं था कि यह स्थान किसे मिलेगा। दोपहर में बिलासपुर से सांसद तोखन साहू का फोन बजा और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने की सूचना मिली। इसके बाद उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में गोपनीयता की शपथ ली।
बिलासपुर से सांसद तोखन साहू का मंत्री बनना और शपथ ग्रहण करना कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक हो सकता है, खासकर जब प्रदेश से सीनियर नेता भी सांसद बने हैं। लेकिन इसके पीछे के समीकरण को समझना महत्वपूर्ण है।
छत्तीसगढ़ में लगभग 1 करोड़ 35 लाख ओबीसी आबादी है, जिसमें साहू समाज का दबदबा सबसे अधिक माना जाता है। इसके बाद यादव समाज का स्थान आता है, जो कि करीब 18 प्रतिशत आबादी होने का दावा करता है, जबकि कुर्मी समाज की आबादी 6-7 प्रतिशत है। पिछले दो दशकों में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में साहू समाज ने बीजेपी को लगातार समर्थन दिया है।
इस समर्थन का एक मुख्य कारण यह है कि बीजेपी ने कांग्रेस की तुलना में साहू समाज से अधिक उम्मीदवार उतारे हैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा मौके दिए हैं। इस परंपरागत समर्थन और राजनीतिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, तोखन साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना बीजेपी के लिए एक रणनीतिक कदम है, जिससे साहू समाज का समर्थन और मजबूत किया जा सके।
इसलिए बनाए गए मंत्री
तोखन साहू को मंत्री बनाए जाने के पीछे मुख्य कारण साहू समाज को साधना है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि साहू समाज का समर्थन बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है। 2014 में साहू समाज से कुल 3 सांसद थे, जिनमें से 2 बीजेपी से और 1 कांग्रेस से थे। 2019 में यह संख्या घटकर 2 रह गई, और दोनों बीजेपी से थे जो बिलासपुर और महासमुंद लोकसभा सीटों से जीते थे।
2018 के विधानसभा चुनावों में, दोनों पार्टियों ने 22 साहू उम्मीदवारों को टिकट दिया था। हालांकि, इस बार साहू समाज ने भाजपा से 2 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की मांग की, लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया। इससे साहू समाज में नाराजगी बढ़ गई। इस नाराजगी को कम करने और समर्थन बनाए रखने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से साहू समाज को साधने का प्रयास किया और धमतरी में अपने भाषण में दावा किया कि वह भी साहू समाज से हैं।
इस रणनीति के तहत, तोखन साहू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना बीजेपी का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे साहू समाज के भीतर पार्टी के खिलाफ बढ़ती नाराजगी को कम किया जा सकता है और उनके समर्थन को मजबूत किया जा सकता है।
कौन हैं तोखन
तोखन साहू छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट से बीजेपी के सांसद हैं। उन्होंने कांग्रेस के देवेंद्र यादव को बड़े अंतर से हराया। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1969 को ग्राम डिंडोरी, जिला मुंगेली में हुआ। उन्होंने एमकॉम की पढ़ाई की है और उनका राजनीतिक सफर 1994 से शुरू हुआ जब वे लोरमी ब्लॉक के सुरजपुरा गांव के पंच चुने गए।
तोखन साहू बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2013 में वे पहली बार विधानसभा के सदस्य बने। 2014-15 में वे महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति और प्रत्यायुक्त विधानसभा समिति के सदस्य थे। 2015 में वे छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव भी रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा और अनुभव ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Author: samachar
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