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November 22, 2024 11:53 pm

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‘यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो वजह रही होगी’ ; भाजपा के असली हार की वजह बताई बृजभूषण शरण सिंह ने

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा में लोकसभा चुनाव को लेकर कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को नवाबगंज के विश्नोहरपुर स्थित अपने आवास पर बातचीत के दौरान कहा कि अयोध्या सीट से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार उनकी व्यक्तिगत हार नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था की हार है। 

उनका बयान प्रशासनिक मुद्दों और चुनावी प्रबंधन पर सवाल उठाता है, जिससे यह समझा जा सकता है कि हार के पीछे केवल उम्मीदवार की कमजोरी नहीं बल्कि प्रशासनिक कमियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि वीआईपी के आने पर अयोध्या से 15-20 किलोमीटर दूर से ही लोगों का आवागमन रोक दिया जाता है, जिससे छोटे दुकानदारों की आजीविका पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम के बाद अब सच्चाई सबके सामने आ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि देवीपाटन मंडल की स्थिति लोकसभा चुनाव में बेहतर रही है, क्योंकि पार्टी ने कैसरगंज, बहराइच, और गोंडा सीटें जीती हैं। लेकिन श्रावस्ती सीट पर हार का कारण स्थानीय प्रत्याशी को न उतारना बताया। उनका मानना है कि यदि पार्टी ने यहां से स्थानीय प्रत्याशी को उतारा होता, तो श्रावस्ती सीट भी जीती जा सकती थी।

पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने साकेत मिश्र के बारे में कहा कि बहराइच से उनका पुराना संबंध जरूर था, लेकिन कार्यकर्ताओं और जनता से दूरी उन्हें भारी पड़ी। उन्हें समय से टिकट मिल गया था, पर वे कार्यकर्ताओं और जनता में घुलमिल नहीं सके। प्रतापगढ़ में रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया के भाजपा का समर्थन न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यूं ही कोई बेवफा नहीं होता, कुछ तो वजह रही होगी।

उन्होंने देवीपाटन मंडल के राजनीतिक समीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक क्षत्रिय, एक ब्राह्मण, एक पिछड़ा वर्ग, और एक अनुसूचित वर्ग के उम्मीदवारों पर आधारित है। जब तक यह समीकरण सही नहीं होगा, तब तक चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिल सकते।

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल न होने के सवाल पर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण मिलने से पहले उन्होंने मऊ और अयोध्या जिलों में कार्यक्रम तय कर रखे थे। इस कारण वे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके।

उन्होंने बताया कि कैसरगंज से करण भूषण सिंह शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद, वे प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों से मिलकर बधाई देंगे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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