इरफान अली लारी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शादीशुदा DSP की प्रेम कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस घटना में DSP ने राजस्थान की अपनी डॉक्टर प्रेमिका को अपने घर बुलाया था। जब दोनों अकेले में वक्त बिता रहे थे, उसी समय DSP की पत्नी अपनी बेटी के साथ वहां पहुंच गई। इसके बाद ऐसा हंगामा मचा कि मामला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक जा पहुंचा।
यह घटना न केवल व्यक्तिगत संबंधों की उलझन को दर्शाती है, बल्कि पुलिस अधिकारियों की जीवनशैली और उनकी नैतिक जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े करती है। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था और पुलिस अधिकारियों की व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच के संतुलन पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर किया है।
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक हाई-प्रोफाइल मामले ने सबका ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें एक डीएसपी (विनय चौहान) को अपनी डॉक्टर प्रेमिका के साथ पकड़ा गया। इस घटना के बाद डीएसपी की पत्नी ने मौके पर पहुंचकर अपने पति और उसकी प्रेमिका पर हमला कर दिया।
घटना का विवरण
डीएसपी विनय चौहान और राजस्थान की डॉक्टर के बीच पिछले 5 सालों से प्रेम संबंध चल रहा था। 26 मई को डीएसपी ने अपनी प्रेमिका को बस्ती स्थित सरकारी आवास पर बुलाया था, जब उसकी पत्नी वहां पहुंची और हंगामा हुआ।
हंगामा
डीएसपी की पत्नी ने अपने पति और प्रेमिका पर हमला कर दिया। आरोप है कि डीएसपी ने भी अपनी पत्नी के साथ मिलकर डॉक्टर प्रेमिका के साथ मारपीट की और फिर उसे गिरफ्तार करवा दिया।
कानूनी कार्रवाई
डॉक्टर प्रेमिका ने डीएसपी विनय चौहान के खिलाफ जयपुर में मामला दर्ज करा दिया।
जयपुर पुलिस ने जांच को बस्ती ट्रांसफर किया, लेकिन एसपी ने इसे सिद्धार्थनगर जनपद में ट्रांसफर कर दिया ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। डीएसपी को पद से हटा दिया गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई
डीजीपी स्तर से मामले की मॉनिटरिंग की जा रही है। मामले की जांच सिद्धार्थनगर की पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह को सौंपी गई है। पुलिस महानिरीक्षक ने मामले का संज्ञान लेकर रिपोर्ट मांगी है।
यह घटना न केवल व्यक्तिगत संबंधों की उलझन को दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्थाओं के प्रति भी गंभीर प्रश्न उठाती है। इस मामले की जांच और इसके परिणाम से भविष्य में पुलिस अधिकारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."