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November 1, 2024 4:52 pm

“साइकिल” पे सवारी “कमल” पर ठिकाना, “हाथी” ने भी कम हाथ पैर नहीं मारा

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नौशाद अली की रिपोर्ट

श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र के सियासी अखाड़े में मतदाता भाजपा और सपा में बंटे दिखे। बसपा की तरफ भी मतदाताओं का रूझान रहा। फिलहाल जीत- हार का फैसला दो ही दलों में सिमट कर रह गया है। संसदीय सीट के पांचों विधानसभाओं में तीन विधानसभाओं में भाजपा तो दो पर सपा का शोर दिखा।

वैसे दल कहीं भी कमजोर नहीं दिखे हैं। इसके अलावा बसपा भी टक्कर देते दिखे। भिनगा विधानभा में तो बसपा का दम भी दिखा। पूरे मतदान के दौरान समीकरण का तो खेल चला ही लेकिन राष्ट्रीय व स्थानीय मुद्दों का प्रभाव दिखा।

भाजपा व सपा के प्रत्याशियों को जिस कारणों से नुकसान हुआ, उसकी भारपाई भी दोनों कहीं- कहीं करते दिखे। श्रावस्ती जिले में भितरघात से जहां भाजपा को सामना करना पड़ा। वहीं सपा से भाजपा में ऐन वक्त में शामिल हुए पूर्व विधायक दिलीप वर्मा व माधुरी वर्मा ने सपा के समीकरण को भी प्रभावित किया।

सपा प्रत्याशी के पांच साल क्षेत्र में सक्रिय न रहने के सवालों को झेलना पड़ता तो भाजपा को भी कई सवालों का सामना करना पड़ा। फिलहाल चुनाव में सपा के प्रत्याशी व मौजूदा सांसद राम शिरोमणि वर्मा के बीते पांच साल से क्षेत्र से दूरी बनाए रखना भारी पड़ता दिखा।

यह अलग बात है कि मुस्लिमों के पास विकल्प न होने के कारण उन्हें मत खूब मिले, लेकिन काफी मुस्लिमों ने बसपा को भी वोट किया। ज्यादातर बसपा की तरफ पठान मुस्लिम गए हैं, यहीं नहीं भाजपा के साकेत मिश्र को भी श्रावस्ती जनपद की दोनों विधानसभा सीटों पर मुस्लम वोट भी मिलें हैं, इसके पीछे भाजपा के एक पुराने नेता हैं जो इस समय एक राज्य में संवैधानिक पद पर हैं।

उनके परिवार के साथ से भाजपा को मजबूती मिली। गैसड़ी में उप चुनाव साथ होने का फायदा ज्यादातर भाजपा को हुआ। वहीं बलरामपुर सदर व तुलसीपुर में विधानसभा में मतदाताओं की पसंद में भाजपा आगे दिखी तो सपा भी किसी से कम नहीं रही।

प्रत्याशियों ने किए जीत के दावे

मतदाताओं के मूड़ को भांपने में दिनभर की कवायद के बाद भी दावेदारों को पूरी तसल्ली तो नहीं रही। लेकिन तीनों दलों के प्रत्याशियों ने जीत के दावे किए। भाजपा के साकेत मिश्र ने मतदाताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा की नीतियों पर लोगों ने विश्वास जताते हुए मतदान किया है। परिणाम सकारात्मक रहेगा। सपा के राम शिरोमणि वर्मा ने भी कहा कि उन्हें जीत मिलेगी। वहीं बसपा के मोइनुद्दीन खान ने कहा कि पूरे क्षेत्र की जनता ने उनका साथ दिया है, जीत मिलेगी। इस तरह दावेदारों का भरोसा मतदाताओं ने टूटने नहीं दिया।

श्रावस्ती में भाजपा रही मजबूत

श्रावस्ती विधानसभा में भाजपा मजबूत रही। यहां भाजपा विधायक रामफेरन पांडेय ने प्रतिष्ठा से चुनाव को जोड़ रखा था। वह इस बात से भी संतुष्ट थे कि उनके पार्टी में ही उनके विरोधी को इस बार टिकट नहीं मिला। यह अलग बात है कि पार्टी के ही एक गुट के विरोध से सपा भी टक्कर में रही।

यहां सपा ने साल 2019 के चुनाव में जीत भी दर्ज की थी। लेकिन इस बार भाजपा आगे बढ़ती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम भी इसी क्षेत्र में लगा था। इसका भी प्रभाव दिखा। समीकरण के लिहाज से भी यहां ब्राह्मण व दलित मतदाता काफी हैं, इससे भाजपा को फायदा हुआ।

भिनगा में समीकरण का दांव रहा, सपा भी मजबूत

भिनगा विधानसभा में सपा विधायक इंद्राणी वर्मा हैं और बसपा नेता मोहम्मद असलम राइनी भी सपा में ही रहे। इससे यहां सपा मजबूत स्थिति में रही। हाल ही में भाजपा में आए दिलीप वर्मा व माधुरी वर्मा ने भी वोट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इससे कुर्मी बाहुल्य इस विधानसभा में भाजपा भी बेहतर स्थान पर रही। वहीं इसी क्षेत्र के सिरसिया निवासी मोइनुद्दीन खांन बसपा से लड़ रहे थे। जिससे एक वर्ग विशेष के मतदाता उनकी तरफ भी जाते दिख। इस तरह यहां तीनों में लड़ाई बनी रही।

तुलसीपुर में भाजपा व सपा में कांटे की टक्कर

तुलसीपुर विधानसभा में भाजपा व सपा में कांटे की टक्कर रही। लेकिन इस बार मुस्लिमों ने कम मतदान किया। गनवरिया, तुलसीपुर देहात समेत कई गांवों में मुस्लिम मतदाताओं ने मतदान में कम रूचि दिखाई। ब्राह्मण व मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने से यहां के मतदान काफी अहमियत रखता है।

ब्राह्मण व क्षत्रिय भाजपा में गए, यहां के पिछड़े और दलित मतों में बंटवारा दिखा। वहीं मुस्लिम भी एक स्थान नहीं गए। इससे यहां पर भाजपा व सपा में कांटे की टक्कर है। यहां भाजपा विधायक कैलाश नाथ शुक्ल के साथ ही देवीपाटन मंदिर का भी प्रभाव है। इससे भाजपा को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

गैसड़ी: पिछड़े व दलित के दांव में घिरी भाजपा व सपा

गैसड़ी विधानसभा में पिछड़े और दलित मतदाताओं से राजनीतिक दशा तय होती है। यहां विधानसभा का उपचुनाव भी था, इससे वोट भी ज्यादा पड़े। यहां यादव बिरादरी अधिक है जो सपा की ओर जाती दिखी। यह अलग बात है कि कुछ ने भाजपा को भी वोट दिया। इसके अलावा कुर्मी मतों में बिखराव होते दिखा, लेकिन ज्यादातर ने सपा को वोट दिया है। दलित मतदाताओं ने सपा व भाजपा के साथ ही बसपा को भी वोट दिया है। ज्यादातर बसपा व भाजपा को वोट किया। मुस्लिम मतदाताओं ने सपा की ओर ही रूख किया, लेकिन कुछ मत व्यक्तिगत संबंधों से भाजपा को भी मिला है। इससे यहां दोनों दलों में कांटे का संघर्ष रहा।

बलरामपुर सदर में भाजपा रही भारी, खूब वोट बटोरे

बलरामपुर सदर में भाजपा भारी दिखी। सपा के प्रत्याशी से खफा मुस्लिम मतदाताओं ने बसपा को वोट किया। जिससे भाजपा मजबूत रही। वहीं दलित, ब्राह्मण, क्षत्रिय बाहुल्य क्षेत्र में इन तीनों वर्ग के मतदाताओं का रूझान सुबह से ही भाजपा की ओर ही दिखा। वहीं मुस्लिमों ने मतदान भी काफी कम किया, जिससे पूरे जिले में सबसे कम मतदान इसी विधानसभा में हुई। इसके अलावा पिछड़े मतदाताओं के साथ ही जो भी मुस्लिम के मत पड़े वह सपा को मिले। वहीं बसपा भी सेंध लगाती रही। इससे यहां भाजपा काफी आगे रही।

पांचों विधानसभा क्षेत्रों के मतदान की स्थिति

संसदीय क्षेत्र के बलरामपुर विधानसभा में सबसे कम 47.33 फीसदी ही मतदान हुआ। इसी तरह गैसड़ी में 51.10 फीसदी, तुलसीपुर में 49.58 फीसदी मतदान हुआ। इसके अलावा श्रावस्ती विधानसभा में 58.98, भिनगा में 56.77 फीसदी मतदान हुआ। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."