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November 22, 2024 3:11 pm

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…मैं तो छुट्टा सांढ हूँ… क्यो कहा बृजभूषण ने ऐसा? जानकर आप भी कहेंगे, ‘राज’ की ‘नीति’ है भैय्या.. 

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नौशाद अली की रिपोर्ट

यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब तो मैं छुट्टा सांड हो गया हूं। आपके लिए किसी से भी भिड़ सकता हूं। ना तो मैं बूढा हुआ हूं और ना रिटायर हुआ हूं। वचन देता हूं कि पहले जितना आपके बीच में रहता था उससे दोगुना आपके बीच में रहूंगा। आपके सुख-दुख में शामिल होऊंगा। आपको डबल सांसद मिलेगा। 

बता दें कि बीजेपी ने इस बार कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके छोटे बेटे करण भूषण को दिया है। हालांकि, बृजभूषण ने चुनाव-प्रचार की कमान खुद संभाल रखी है। इसी कड़ी में उन्होंने बीते दिन कर्नलगंज में आयोजित नुक्कड़ सभा में कहा कि मैं अभी रिटायर नहीं होने वाला। दोगुनी ताकत के साथ आपके लिए काम करूंगा। क्योंकि, अब तो मैं छुट्टा सांड हो गया हूं। 

पहलवानों के आरोपों पर बोलते हुए बृजभूषण ने कहा कि जब मैंने मिजोरम, नागालैंड, बिहार, बंगाल के रेसलर्स के हित में काम करना शुरू किया तो कुछ लोगों की नजरों में चढ़ गया। मैंने कमजोर प्रांत के खिलाड़ियों को संरक्षण प्रदान करना शुरू किया, उसी दिन से ये लोग मेरे विरोधी हो गए। ये सब मेरे हाथ से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये महीने पाते थे। कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ है जो डेढ़ लाख रुपये मेरे हाथ से ना लिया हो। लेकिन सब एहसान धरा का धरा रह गया। इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गए। 

बृजभूषण ने आगे कहा कि आज जो मेरा विरोध कर रहे हैं वह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मैं कमजोर का साथी हूं। नरसिंह यादव 5 साल पहले जो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था, वह जीत करके आया तो इन लोगों ने कहा हमारा ट्रायल कराइए, ट्रायल करने की परंपरा नहीं थी, हमने कहा ट्रायल नहीं करेंगे, वहीं से मेरा विरोध शुरू हुआ। क्योंकि, नरसिंह बनारस का रहने वाला है और गरीब परिवार का था. उसका हक ये लोग मारना चाहते थे। हमने मना कर दिया था। तब इन लोगों ने उसके खाने में धोखे से नशीला पदार्थ मिलाया, ताकि वो क्वालिफ़ाई न कर पाए। 

कैसरगंज का जातीय समीकरण 

कैसरगंज लोकसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में अनुमानों के मुताबिक करीब 20 फीसदी ब्राह्मण और 18 फीसदी दलित आबादी है। राजपूत मतदाताओं की तादाद करीब 10 फीसदी है तो वहीं 12 फीसदी यादव, नौ फीसदी निषाद और करीब सात फीसदी कुर्मी मतदाता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद भी करीब 18 फीसदी है। बसपा ने जातीय समीकरणों को देखते हुए ही इस बार भी ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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