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November 1, 2024 8:02 pm

कौन हैं वो 4 लोग जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नामांकन में बने उनके प्रस्तावक

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन के लिए चार प्रस्तावकों के नाम तय कर लिए हैं। पीएम मोदी से चर्चा करने के बाद इन सभी के नाम को फाइनल कर दिया गया। 

बीजेपी ने प्रस्तावकों के नामों में जातीय समीकरण को साधने का भी काम किया है। चार प्रस्तावकों में एक ब्राह्मण, दो ओबीसी समाज से और एक दलित वर्ग से है।

प्रधानमंत्री के प्रस्तावकों पर बीते 15 दिन से चर्चा चल रही है और असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सबसे पहले 50 लोगों के नामों की एक लिस्ट बनाई गई थी। उसके बाद इनमें से कुल 18 नामों को छांटा गया। इन नामों पर पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल के साथ चर्चा की थी।

आखिरकार इनमें से चार नामों को तय किया गया और पीएम मोदी ने सोमवार को इन नामों को फाइनल कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राह्मण समाज से गणेश्वर शास्त्री, ओबीसी समाज से बैजनाथ पटेल और लालचंद कुशवाहा का नाम सामने आया और दलित वर्ग से संजय सोनकर का नाम तय हुआ है।

बीजेपी ने जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा

भारतीय जनता पार्टी ने चार प्रस्तावकों के जरिये जातीय समीकरण साधने का भी पूरा प्रयास किया है। बैजनाथ पटेल जनसंघ के कार्यकर्ता हैं और सेवापुरी गांव में रहते हैं। सेवापुरी और रोहनिया विधानसभा में करीब दो लाख से ज्यादा वोटर रहते हैं। इसके अलावा लालचंद कुशवाहा भी ओबीसी समाज से ही संबंध रखते हैं। वहीं, संजय सोनकर की दलित समाज में अच्छी खासी पैठ है।

गणेश्वर शास्त्री ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का मुहुर्त निकाला

ज्‍योतिषाचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ ने अयोध्‍या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए शुभ मुहूर्त निकाला था। इसके अलावा राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त भी उनके द्वारा ही निकाला गया था। उन्‍होंने काशी विश्‍वनाथ धाम के लोकार्पण के समय थी शुभ मुहूर्त निकाला था। 

आचार्य गणेश्‍वर शास्‍त्री द्रविड़ जगद्गुरु रामानंदाचार्य पुरस्‍कार से सम्‍मानित हैं। गणेश्‍वर शास्‍त्री मूल रूप से दक्षिण भारत से काशी आए थे। इस समय वह काशी के रामघाट इलाके में गंगा किनारे रहते हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."