Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 12:18 am

लेटेस्ट न्यूज़

‘‘भइया, जान की फिक्र नहीं है लेकिन भाजपा को हराना है… राम मंदिर बनने के बाद उसे चुनावी मुद्दा बनाने की कवायद

11 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

चार महीने पहले राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा करवाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार अयोध्या आने की जरूरत क्यों पड़ रही है? बीती 5 मई को उनके रोड शो से पहले यहां राष्ट्रपति को क्यों आना पड़ा? और उनके दौरे से एक दिन पहले राम मंदिर तक जाने वाली समूची सड़क को भाजपा के झंडों से क्यों पाट दिया गया? 

ये कुछ सवाल अयोध्यावासियों के मन में 20 मई को होने वाले मतदान से पहले कौंध रहे हैं। उधर उनकी जिंदगी अलग तरह से तबाह हुई पड़ी है क्योंकि घंटाघर चौक पर खुदाई कर रही एक विशालकाय मशीन ने जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। शहर के भीतर के प्राचीन दरवाजों को तोड़ा जा रहा है। पूरा शहर धूल के गुबार में लिपटा पड़ा है और जहां-तहां टूटे हुए मकान-दुकान विकास की गवाही दे रहे हैं।   

मोदी के रोड शो से एक दिन पहले राम मंदिर के बाहर एक दुकानदार ने बताया कि हफ्ते दस दिन से श्रद्धालुओं का टोटा पड़ा हुआ था और कमाई ठप थी, ‘‘आज सौ-सौ के पैंतीस जत्थे यहां लाए गए हैं ताकि कल मोदीजी के रोड शो में भीड़ दिखाई जा सके।’’ मोदी के दौरे से पहले वहां जुटी भीड़ में ज्यादातर दक्षिण भारत और महाराष्ट्र  के लोग थे। आश्चर्यजनक रूप से कुछ लोग ‘‘मैं भी मोदी परिवार’’ की टोपियां लगाए घूम रहे थे। पूछने पर उन्होंने साफ स्वीकारा कि वे दर्शन के लिए नहीं, रोड शो के लिए आए हैं।

जहां रामपथ शहर में उतरता है, वहां से मंदिर तक जाने वाले दो किलोमीटर की दूरी में हर मकान, दुकान, मस्जिद पर भाजपा के झंडे 4 मई को ही लगाए गए थे। एक राम और हनुमान की गले मिलती तस्वीर का कटआउट दुकान के ऊपर लगा था जिसके कैप्शन में लिखा था, ‘लल्लू  सिंह, सांसद, अयोध्या।’

लल्लू सिंह इस बार भी भाजपा के प्रत्याशी हैं लेकिन स्थानीय लोगों के मुकाबले मामला थोड़ा चुस्त दिख रहा है। दरअसल, वे पिछले महीने अपने दिए एक बयान में फंस गए हैं और अब घूम-घूम कर मतदाताओं से माफी मांग रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संविधान बदलने के लिए भाजपा को दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। यह बयान बैकफायर कर गया है।

फैजाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता मो. गुफरान बताते हैं, ‘‘इसके अलावा आसपास की सीटों पर कुर्मी प्रत्याशी देकर सपा ने लल्लू को अच्छे से घेर लिया है। उनके एक खास आदमी से आज सुबह मुलाकात हुई। वे अपने घर के बाहर बनियान में खड़े थे। मैंने पूछा कि भाई चुनाव में नहीं गए हैं आप। वे बोले, चुनाव तो होता ही रहता है।’’

बाकी जगहों की तरह यहां भी भाजपा और संघ या तो पूरी तरह आश्वस्त है या पूरी तरह सुस्त। वजह चाहे जो हो, लेकिन माहौल का अंदाजा गुफरान भाई के कार्यालय की छत से लगता है जहां से पूरा शहर एक नजर में दिखता है। एक भी मकान, दुकान या भवन पर भाजपा का झंडा नहीं है। गुफरान कहते हैं, ‘‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हर छोटे-बड़े चुनाव से पहले पूरा शहर भाजपा के झंडों से पट जाता था। हालत यह है कि सिंधियों की कॉलोनी रामनगर में भी झंडे नहीं हैं, जो भाजपा का कोर वोटर है।’’

स्थानीय ई-रिक्शा चालक देवेंद्र यादव बताते हैं कि इसी संकट की भरपाई के लिए मोदी भाग-भाग कर अयोध्या आ रहे हैं। यादव कहते हैं, ‘‘भइया, जान की फिक्र नहीं है लेकिन भाजपा को हराना है। आप देखते जाओ, यादव एकजुट हो के गठबंधन के साथ जाई, पूरे यूपी में। अब नहीं तो कभी नहीं।’’

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़