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20 January 2025 4:40 am

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बृजभूषण नहीं तो “केतकी” क्यों? भाजपा की दो सीटों का गणित अभी तक किस खमो-पेंच में फंसा है? 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गाेंडा: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी कैसरगंज और रायबरेली में प्रत्याशियों की गुत्थी सुलझाने में जुटी है। बीजेपी को रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का तो कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लेकर यौन उत्पीड़न पर आने वाले फैसले का इंतजार है। 

पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने कैसरगंज और रायबरेली में हर परिस्थिति को लेकर नाम तय कर लिए हैं। दूसरे चरण के मतदान के बाद कैसरगंज और रायबरेली में भी प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे। 

बीजेपी यूपी में अब तक 73 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। वह सहयोगियों को पांच सीटें दे चुकी है। इनमें दो-दो सीटें अपना दल (S), रालोद और एक सीट सुभासपा को दी गई हैं। अब बीजेपी को सिर्फ दो सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारने हैं।

बृजभूषण की पत्नी पर लगाया जा सकता है दांव

सांसद बृजभूषण पर पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। अब इस मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि बृजभूषण को लेकर पार्टी किसी भी विवाद से बचना चाहती है, इसलिए फैसले का इंतजार किया जा रहा है। 

हालांकि, बीजेपी आलाकमान बृजभूषण की जगह उनके परिवार से ही किसी को प्रत्याशी बनाना चाहती है। इसे लेकर बृजभूषण से बात भी हो चुकी है। बूजभूषण किसी भी हाल में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने मन बनाया है कि बृजभूषण की पत्नी पूर्व सांसद केतकी सिंह को चुनाव लड़वाया जाए। 

कुछ लोगों ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण का भी नाम सुझाया है। करण भी कुश्ती से जुड़े हैं और यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव के बाद करण को भी कई आरोपों का सामना करना पड़ा था। 

बूजभूषण के दूसरे बेटे प्रतीक भूषण विधायक हैं, इसलिए अभी पार्टी उन्हें लड़ाकर विधानसभा उपचुनाव जैसी स्थिति नहीं लाना चाहती।

रायबरेली में कांग्रेस के दांव पर होगी रणनीति

रायबरेली में बीजेपी कांग्रेस के दांव का इंतजार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा से चुन लिए जाने के बाद कांग्रेस अब प्रियंका गांधी पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। 

रायबरेली में पांचवें चरण में चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस यहां प्रियंका गांधी की घोषणा कर सकती है। बीजेपी ने यहां कई नामों पर मंथन कर रखा है। अगर प्रियंका लड़ीं तो बीजेपी किसी हाईप्रोफाइल चेहरे पर दांव लगा सकती है। अगर प्रत्याशी कोई और आया तो स्थानीय चेहरा ही उम्मीदवार होगा।

बूजभूषण की जगह केतकी क्यों?

कैसरगंज में बीजेपी की पहले पसंद अब केतकी सिंह बन गई हैं। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी केतकी पर इसलिए भी दांव लगाना चाहती है, ताकि महिलाओं से जुड़े आरोपों के जवाब भी महिला प्रत्याशी मंच से दे सके। यही नहीं केतकी बृजभूषण की छवि को भी बेहतर करने में भी कारगर साबित हो सकती हैं। 1996 में बृजभूषण को टाडा के तहत जेल जाना पड़ा था।

बृजभूषण के जेल जाने के बाद केतकी सिंह उनके लिए संकटमोचक बनी थीं। केतकी ने घर की चहारदीवारी से बाहर पैर रखा और मनकापुर राजघराने के राजा एव सपा नेता आनंद सिंह को करीब 67 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। केतकी पूर्व सांसद हैं। इसलिए उन पर पार्टी ज्यादा भरोसा कर रही है।

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