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November 8, 2024 7:25 pm

अजब गजब ये इश्क़… साढे़ तीन रातें मेरी… पति, पत्नी और वो के बीच रातों का बंटवारा… . 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

पति की रातों पर पत्नी का हक ये है, इसमें तो कुछ नया नहीं है, लेकिन जब पत्नी पति की सिर्फ साढ़े तीन रातों से संतोष कर ले या फिर 3 रातें मांगकर अपना अधिकार जताए तो ये मामला थोड़ा अटपटा लगता है। दो महिलाओं के बीच पति को लेकर ऐसे समझौते के केस लगातार सामने आ रहे हैं। 

कहीं पति की 3-3 रातों के लिए बांटकर एक रात उसकी इच्छा पर छोड़ दी जा रही है तो कहीं साढ़े तीन रात पर आकर अटक रहा है मामला। इस मामले में समाज और कानून का क्या है रोल ये हम आपको बताएंगे, लेकिन पहले उन पतियों से मिलिए जिनकी पत्नियों ने बांट दी उनकी रातें।

  1. ‘साढ़े 3 रातों पर मेरा भी हक’

दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में तैनात एक पुलिसकर्मी जिंदगी में इन दिनों भूचाल आ गया है। वजह है झारखंड की एक लड़की जो थाने पहुंच गई है। 

दरअसल लक्ष्मी नगर थाने में तैनात इस पुलिसकर्मी की कुछ समय पहले इस लड़की से दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच शारीरिक रिश्ते बने, लेकिन ये शख्स पहले से ही शादीशुदा था। ये बात लड़की भी जानती थी। 

कुछ समय तक तो दोनों की बीच संबंध अच्छे रहे, लेकिन बाद में पुलिसकर्मी लड़की से दूरी बनाने लगा। अब ये लड़की पुलिस थाने पहुंच गई है। इस लड़की का कहना है कि वो इस शख्स के बिना नहीं रह सकती और इसलिए वो हफ्ते में साढ़े 3 रातें इसके साथ भी बिताए। महिला ने लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है।

  1. ‘पति को 3-3 रातों के लिए बांट लेते हैं’

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इसी साल मार्च में फैमिली कोर्ट में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां दो पत्नियों ने अपने पति को 3-3 रातों के बांट लिया। दरअसल कोविड के टाइम इस शख्स की एक पत्नी झगड़े के बाद अपने मायके चली गई थी। 

लंबे समय तक वो नहीं लौटी और इसी दौरान इस शख्स का एक दूसरी लड़की से अफेयर शुरू हो गया। दोनों ने शादी भी कर ली, लेकिन बाद में ये बात पत्नी को पता चली तो उसने कोर्ट में केस कर दिया। 

एक पत्नी के होते हुए दूसरी शादी गैरकानूनी है। लंबे समय तक कोर्ट में केस चलता रहा। पति अपनी दूसरी पत्नी को छोड़ने को तैयार नहीं था, जबकि पहली पत्नी भी अपने पति से अलग नहीं होना चाह रही थी। कोर्ट में कोई फैसला नहीं आ पा रहा था तो आखिरकार तीनों ने समझौता कर लिया। 

इस समझौते के तहत पति 3 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा, जबकि 3 दिन दूसरी के साथ। एक दिन पति की इच्छापर निर्भर करेगा कि वो कहां रहना चाहता है।

  1. सोमवार से बुधवार पहली पत्नी को

मुरादाबाद में भी एक शख्स की दो निकाह की बात सामने आई तो पहली पत्नी ने कोर्ट का सहारा लिया। बिना तलाक लिए इस शख्स ने दूसरी शादी की थी। 

कोर्ट में मामला सेटल नहीं हुआ, लेकिन जब बात बिगड़ने लगी तो तीनों ने आपसी समझौता करना बेहतर समझा। पहली पत्नी को पति के तीन दिन यानी सोमवार से बुधवार तक मिले जबकि दूसरी पत्नी को गुरुवार से शनिवार तक पति का साथ। रविवार का दिन पति की इच्छा पर रहेगा वो चाहे जैसे भी रहे।

गैरकानूनी है इस तरह के समझौते!

इस तरह के मामले समाज में लगातार सामने आ रहे हैं। ये बेहद चिंताजनक स्थिती है। लोगों का मानना है कि इस तरह की बातें समाज को गंदा करती है, वही इनका कोई लीगल आधार भी नहीं है। दरअसल इस तरह के समझौते कोर्ट की कार्रवाई से बचने के लिए कर लिए जाते हैं। हिंदू मैरिज एक्ट के तहत पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है और ऐसा होने पर सजा के प्रावधान है। बस इसी वजह से लोग इस तरह के समझौते कर लेते हैं और कानून कुछ नहीं कर पाता।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."