ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
मथुरा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के मुखिया चौधरी जयंत सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि वह भविष्य में कभी भी मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मथुरा-वृंदावन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार हेमा मालिनी के समर्थन में आयोजित जनसभा में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आरएलडी प्रमुख ने कहा, ‘हेमा जी हम और आप कभी भी आमने-सामने अब चुनाव नहीं लड़ेंगे, यह भी तय हो गया।’ उन्होंने कहा, ‘इस बार नहीं, अगली बार जब कभी मैं लोकसभा लडूं तो आप मेरे लिए प्रचार करने जरूर आएंगी, यह भी वादा लेता हूं।’
पुरानी स्मृतियों को साझा करते हुए चौधरी ने कहा, ‘हेमा जी का मैं बचपन से फैन था, फिर हेमा जी 2009 में हमारे चुनाव प्रचार में आयीं और मुझे नहीं मालूम था कि फिर हम आमने-सामने (एक दूसरे के खिलाफ) चुनाव लड़ेंगे।’
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में चौधरी मथुरा से आरएलडी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीते थे, लेकिन 2014 में वह भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी से पराजित हो गये। फिर 2019 में उन्होंने चुनाव क्षेत्र बदलकर आरएलडी-सपा और बसपा गठबंधन के तहत बागपत से चुनाव लड़ा, जहां उन्हें भाजपा के सत्यपाल सिंह ने पराजित किया।
चौधरी ने कहा, ‘अगर हमारी और हेमाजी की कोई फिल्म बनती तो उसका नाम होता ’15 साल बाद’, क्योंकि 15 साल पहले हेमा जी हमारे लिए प्रचार करने आयीं थीं, इनका सहयोग मिला और आपने भरपूर आशीर्वाद दिया। अब मैं इनके लिए वोट मांग रहा हूं।’
उन्होंने मथुरा से अपने मजबूत रिश्ते का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज 15 साल बाद मैं इनके (हेमा मालिनी के) लिए (वोट) मांगने आया हूं, मेरी इस उम्मीद पर आपको खरा रहना है।’
चौधरी ने हाल में केन्द्र सरकार द्वारा उनके दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ दिए जाने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ से अलग होकर एनडीए का दामन थाम लिया। एनडीए ने समझौते के तहत आरएलडी को बागपत और बिजनौर की सीट दी हैं। मथुरा में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
Author: samachar
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