ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
बीजेपी ने आखिरकार फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बीजेपी ने लगातार तीसरे लोकसभा चुनाव में इस सीट पर नया चेहरा उतारा है जबकि सपा से लगातार तीसरी बार अक्षय यादव मैदान में हैं।
इस बार फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने ठाकुर विश्वदीप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वह साल 2014 में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन तीसरे नंबर पर रहे थे।
साल 2014 में इस सीट पर अक्षय यादव ने जीत दर्ज की थी लेकिन साल 2019 में वह बीजेपी के डॉ. चंद्रसेन से चुनाव हार गए थे।
कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह?
फिरोजाबाद से बीजेपी के प्रत्याशी ठाकुर विश्वदीप सिंह शिक्षाविद हैं। वह जिले में कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ठाकुर विश्वदीप सिंह के पिता ठाकुर ब्रजराज सिंह साल 1957 में फिरोजाबाद में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
साल 2014 में बुरी तरह हारे थे ठाकुर विश्वदीप
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में ठाकुर विश्वदीप सिंह ने बसपा के हाथी की सवारी की थी। इस चुनाव में वह बुरी तरह हारे थे। चुनाव में सपा के अक्षय यादव को 5,34,583 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा के एसपी सिंह बघेल 4,20,524 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे नंबर पर रहे ठाकुर विश्वदीप सिंह को महज 1,18,909 वोट हासिल हुए थे।
पार्टी प्रत्याशी वोट
सपा अक्षय यादव (विजेता) 5,34,583
भाजपा प्रोफेसर एसपी सिंह बेघल 4,20,524
बसपा ठाकुर विश्वदीप सिंह 1,18,909
2019 में शिवपाल की वजह से हारे अक्षय यादव!
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अक्षय यादव की हार की मुख्य वजह उनके चाचा शिवपाल यादव को माना जाता है। दरअसल पिछले चुनाव में शिवपाल यादव फिरोजबाद लोकसभा सीट से अपनी पार्टी प्रसपा से चुनाव लड़े थे। चुनाव में पहले नंबर पर बीजेपी के डॉ. चंद्रसेन जादौन रहे। उन्होंने 4,95,819 वोट हासिल कर सबको चौंका दिया।
अक्षय यादव 4,67,038 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे जबकि शिवपाल सिंह यादव 91,869 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। माना जाता है शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद में सपा के वोटों में सेंध लगाई, जिसका नुकसान अक्षय यादव को हुआ।
पार्टी प्रत्याशी वोट
बीजेपी चंद्रसेन जादौन (विजेता) 4,95,819
सपा अक्षय यादव 4,67,038
प्रसपा शिवपाल यादव 91,869
सपा का गढ़ मानी जाती है फिरोजाबाद लोकसभा सीट
फिरोजाबाद लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।1999 से अब तक यहां सिर्फ एक बार सपा को हार मिली है। इसके अलावा अक्षय यादव द्वारा 2009 में अखिलेश यादव द्वारा यह सीट छोड़े जाने पर राज बब्बर ने यहां डिंपल को चुनावी मुकाबले में मात दी थी।
साल 1999 और 2004 में इस सीट पर सपा के रामजी लाल सुमन ने जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2009 में अखिलेश और साल 2014 में अक्षय यादव यादव ने जीत हासिल की। बीजेपी ने यहां 2019 में जीतने में सफल रही।
Author: samachar
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