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18 January 2025 5:48 pm

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बंदरों के झुंड ने अचानक 15 महीने की बच्ची पर किया जानलेवा हमला तो पढिए इस तकनीक ने कैसे बचाई बच्ची की जान

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

तकनीक का दायरा जिस तरीके से दुनिया मे तेजी से बढ़ रहा है, उसका फायदा भी लोग अपने तरीके से उठा रहे हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसी तकनीक के इस्तेमाल से एक मासूम बच्ची की जान बच गई। मामला यूपी के बस्ती जिले की आवास विकास काॅलोनी से सामने आया है। 

यहां 13 साल की निकिता ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसे सुनकर हर कोई उसके दिमाग की दाद दे रहा है। 

निकिता ने अपनी सूझबूझ के चलते न केवल अपनी, बल्कि 15 महीने की मासूम बच्ची की जान भी बचा ली। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि आधुनिक डिवाइस का सटीक इस्तेमाल करके निकिता ने एक अप्रिय घटना को होने से परिवार को बचा लिया। 

बंदरों ने घर में घुसकर मचाया आतंक 

दरअसल, शहर के आवास विकास काॅलोनी में रहने वाली निकिता ने 15 महीने की भांजी वामिका को लेकर घर में ही खेल रही थी। दोनों घर की पहली मंजिल पर किचन के पास सोफे पर बैठे थे। उस समय घर पर इन दो मासूम के सिवा कोई नहीं था। तभी बंदरों का एक झुंड घर में दाखिल हो गया और वह किचन में जाकर बर्तन और खाने-पीने का सामान उठाकर फेंकने लगा। 

अचानक पास में बंदर को उत्पात मचाते देख दोनों बच्चियां घबरा गईं। 15 महीने की वामिका बुरी तरह से डर कर रोने लगी। बंदरों का झुंड उसकी ओर हमला करने बढ़ा ही था कि तभी निकिता की नजर फ्रिज पर रखी एलेक्सा डिवाइस की तरफ गई और मानो उसके दिमाग की बत्ती जल गई। 

कुत्ते की आवाज सुनकर भागे बंदर 

उसने बोला एलेक्सा (डिवाइस) कुत्ते की आवाज निकालो। वायस कमांड पाते ही एलेक्सा कुत्ते की तरह भौं-भौं की तेज आवाज करने लगा। कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनते ही बंदरों में अफरा-तफरी मच गई और बंदर वहां से रफ्फूचक्कर हो गए। 

परिवार के मुखिया पंकज ओझा ने बताया कि एलेक्सा का इतना बेहतर इस्तेमाल भी हो सकता है, इसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था। 

इस घटना से एक बात तो साफ है कि अगर तकनीक का सही प्रयोग किया जाए, तो हम अपने साथ-साथ, समाज के हित में कई बेहतर काम कर सकते हैं। 

Author:

Kamlesh Kumar Chaudhary

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