चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
किसी समय हमारी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और उच्च संस्कारों के चलते समस्त विश्व मार्गदर्शन के लिए भारतीय गुरुओं की शरण में आने में गर्व अनुभव करता था, परंतु आज हम अपने उच्च संस्कारों व मर्यादाओं से किस कदर दूर हो गए हैं, यह मात्र एक महीने की निम्न घटनाओं से स्पष्ट है :
* 27 फरवरी, 2024 को जशपुर (छत्तीसगढ़) में अपनी पत्नी द्वारा शारीरिक सम्बन्ध बनाने से इंकार करने पर गुस्से में आकर एक युवक ने न केवल अपनी बहन से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी, बल्कि उसके शव के साथ भी हैवानियत की।
* 3 मार्च को देहरादून (उत्तराखंड) में 2 साल की गोद ली हुई बेटी से बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति को अदालत ने 20 वर्ष सश्रम कैद के अलावा 25,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
* 7 मार्च को रायसेन (मध्य प्रदेश) में अपनी नाबालिग बेटी का मुंह दबाकर बलात्कार करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। नाबालिगा का आरोप है कि उसका पिता उसे काफी समय से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त करता आ रहा था।
* 14 मार्च को हरदोई (उत्तर प्रदेश) के ‘कुरसठ’ गांव में 2 भाइयों में मामूली बात पर शुरू हुए विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया जिस पर एक भाई ने दूसरे भाई पर लाठी से वार करके उसे मौत के घाट उतार दिया।
* 18 मार्च को हैदराबाद (तेलंगाना) में एक महिला ने अपनी 19 वर्षीय बेटी को गला घोंट कर मार डाला क्योंकि वह घर में होने वाली हर बात की सूचना परदेस में काम करने वाले अपने पिता को दिया करती थी।।
* 18 मार्च को ही डूंगरपुर (राजस्थान) में पुलिस ने किसी विवाद के चलते अपने पिता की हत्या करके उसकी लाश घर में ही दबा देने के आरोप में ओरोपी युवक को गिरफ्तार किया।
* 21 मार्च को जयपुर (राजस्थान) में मात्र 43 दिन के नवजात की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने उसकी कलयुगी मां ‘अंजुम’ को गिरफ्तार किया। महिला ने जब हत्या का कारण बताया तो पुलिस वाले भी हैरान रह गए। महिला ने कहा कि उसका बेटा हर समय रोता रहता था जिससे उसकी नींद खराब होती थी, इसलिए उसने उसे मार डाला।
* 23 मार्च को प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) में एक 16 वर्षीय नाबालिग ने 3 शूटरों को सुपारी देकर अपने पिता को मरवा डाला। नाबालिग का कहना है कि उसके पिता उसे जरूरत के अनुसार खर्च करने के लिए पैसे नहीं देते थे।
* 23 मार्च को ही हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) में एक-दूसरे से प्यार करने वाले नाबालिग बुआ और भतीजा घर से भाग गए।
* 24 मार्च को चंपुआ (ओडिशा) के ‘बसिरा’ गांव में ‘ध्यान मुंडा’ नामक युवक को अपने पिता द्वारा उसे लकड़ी काटने से रोकने पर इतना गुस्सा आया कि उसने कुल्हाड़ी से अपने पिता गुुरुचरण मुंडा पर वार कर दिया। जब उसकी मां ‘पालो’ अपने पति को बचाने के लिए आगे बढ़ी तो युवक ने उस पर भी कुल्हाड़ी से वार कर दिया जिससे दोनों की मौत हो गई।
* 24 मार्च को ही दमोह (मध्य प्रदेश) में ‘नोहटा’ थाना के अंतर्गत ‘नयाहार’ गांव में मोहन नामक एक युवक ने किसी विवाद के चलते न सिर्फ अपनी मां ‘रतिया बाई’ की उल्टी कुल्हाड़ी से पीट-पीट कर हत्या कर दी, बल्कि बाद में स्वयं अपनी बहन को फोन करके यह सूचना दी कि, ‘‘मैंने मां को मार दिया है और आकर लाश ले जाओ तथा जला दो।’’ बताया जाता है कि मोहन की गंदी आदतों के कारण ही उसकी पत्नी भी 15 वर्ष पूर्व उसे छोड़ कर चली गई थी।
* 25 मार्च को पूर्णिया (बिहार) में शरीफन खातून नामक महिला ने अपनी बेटी के साथ अक्सर होने वाली कहासुनी से तंग आकर उसी के दुपट्टे से उसका गला घोंट कर उसे मार डाला।
मानव के नैतिक पतन को उजागर करतीं उक्त घटनाएं इस कटु तथ्य की ओर इंगित करती हैं कि आज हम अपने प्राचीन मूल्यों से किस कदर नीचे गिर गए हैं, जिसके चलते सारी मर्यादाएं भूल कर रिश्ते तार-तार किए जा रहे हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."