दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है और जल्द ही तीसरी लिस्ट सामने आ सकती है। यूपी के लिहाज से बीजेपी ने अपने अभी 51 प्रत्याशियों की ही लिस्ट जारी की है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी बची हुई अपने हिस्से की सीटों पर कई सीटिंग सांसदों के टिकट काट सकती है। खास बात यह है कि पार्टी यूपी में कई ऐसे नामों को अपना प्रत्याशी बना सकती है जो कि काफी चर्चित रहे हैं।
बीजेपी कवर करने वाले सूत्र बताते हैं कि बीजेपी की लिस्ट कभी भी जारी हो सकती है और पार्टी इस बार रायबरेली से पार्टी की फायरब्रांड नेता और प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा को चुनावी मैदान में उतार सकती है।
दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी इस बार मेरठ से चर्चित कवि कुमार विश्वास को भी मैदान में उतार सकती है।
गौरतलब है कि बीजेपी इस बार कैसरगंज से लोकसभा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का भी टिकट काट सकती है, उनका नाम पहली लिस्ट में भी नहीं था, जबकि पहली ही लिस्ट में पार्टी ने यूपी के 51 उम्मीदवार घोषित कर दिए थे।
बता दें कि पहली लिस्ट में बीजेपी 195 प्रत्याशियों का नाम घोषित किया था, जबकि दूसरी लिस्ट में पार्टी ने 51 नाम घोषित किए थे। पहली लिस्ट में कई दिग्गज नेताओं का नाम नहीं था, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह से लेकर वरुण गांधी मेनका गांधी जैसे नेताओं के नाम का ऐलान किया था। ऐसे में संभावनाएं है कि इन सभी के टिकट पार्टी अब काट देगी। पहली लिस्ट में वे सभी नाम थे, जहां पार्टी ने अपने ही सीटिंग सांसदों पर ही भरोसा जताया था।
ऐसे में अब संभावनाए हैं कि बीजेपी मेरठ से जाने-माने कवि कुमार विश्वास को सियासी मैदान में उतार सकती है। यूपी में कुमार विश्वास के नाम पर चर्चा कर चुकी है और खबरें हैं कि चुनाव समिति उनके नाम पर मुहर लगा सकती है। इसके अलावा इस सीट से ही अरुण गोविल के नाम पर भी कयास लगाए जा रहे हैं, जो कि रामायण सीरियल में भगवान श्रीराम का बहुचर्चित रोल कर चुके हैं।
रायबरेली से भी बड़ा नाम उतारेगी बीजेपी
रायबरेली सीट इस बार कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने छोड़ दी है। वह राजस्थान से राज्यसभा चली गई हैं। सूत्र बताते हैं कि इस बार इस सीट पर रायबरेली चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी इस सीट से नूपुर शर्मा को भी चुनावी मैदान में उतार सकती है।
नूपुर शर्मा पैगंबर विवाद के चलते निष्कासित हो गई थी, उन्हें जान से मारने की धमकियां तक मिली थीं। वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नहीं दिखाई देती थीं।
Author: samachar
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