दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर : बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने शुक्रवार को कानपुर में कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव जितने भी चरणों में हो, लेकिन मतदान प्रभु श्रीराम के चरणों में ही होगा।
बीजेपी देश में 400 सीटें जीतेगी। पिछले 70 साल में कांग्रेस ने वोट बैंक के लालच में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू नहीं होने दिया था। शुक्ला बीजेपी के क्षेत्रीय कार्यालय में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की मीडिया वर्कशॉप में बोल रहे थे।
कार्यशाला में 10 लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली चुनाव संचालन समितियों और मोर्चों के मीडिया प्रभारियों को ट्रेनिंग दी गई।
मुख्य अतिथि प्रेम शुक्ला ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विरोधी पार्टियों की पोस्ट पर हर समय निगाह रखें। जरूरत पर उसका तथ्यात्मक तरीके से जवाब दें। पार्टी में मीडिया प्रभारी की भूमिका मेरुदंड की तरह है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया ने राजनीति में गठबंधन की शुरुआत की। कांग्रेस पार्टी ने विपक्षी दलों के 438 विधायकों को तोड़ने का काम किया। उसके बाद जब कांग्रेस पार्टी के 235 विधायक अन्य दलों में चले गए तो कांग्रेस पार्टी को दल-बदल कानून बनाने की आवश्यकता हुई।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सन 1984 में दल-बदल कानून बनाया गया, तब तो ईडी का डर नहीं था। आज विपक्षी दलों के नेता ईडी और सीबीआई के डर से रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के विकास, उनकी लोकप्रियता, राम मंदिर निर्माण, बीजेपी की नीतियों, मोदी की गारंटी, कमल का परचम फहराने के कारण नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। यह देश में हुए विकास, अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्या राम मंदिर की जीत है। कांग्रेस ने 1952 से 1967 तक हुए चार चुनावों में विपक्षी दलों के 545 विधायक को तोड़कर कांग्रेस में शामिल किया। पाकिस्तान में आतंकियों के आका पीएम मोदी की वजह से चैन की नींद सो नहीं पा रहे हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने कहा कि जिला मीडिया प्रभारी, सोशल मीडिया और मीडिया के बीच समन्वय बनाकर काम करें। सोशल मीडिया और मीडिया में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।
क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व और नेताओं के विचारों को जनता तक पहुंचाएं। उन्होंने जिला स्तर पर न्यूज बैंक बनाने को कहा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."