दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
दक्षिण के एक राज्य कर्नाटक से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसको देखने के बाद शायद आपको गुस्सा आए। हालांकि बात सिर्फ दक्षिण की नहीं है। दूसरे राज्यों से भी ऐसे मामले सामने आए हैं।
मंगलुरु में एक महिला अपने ससुर की पिटाई करती है। बहू अपने ससुर की वॉकिंग स्टिक छीन लेती है और उसी से पिटाई शुरू कर देती है। ससुर हाथ जोड़ते रहे लेकिन बहू को तरस नहीं आया। बुढ़ापे में सहारा बनना तो दूर जो सहारा है उसको भी छीन ले रहे हैं।
महिला का नाम, पुलिस की एंट्री और गिरफ्तारी हम उस ओर नहीं जाते हैं। हालांकि वीडियो को देखकर यही कहा जा सकता है कि यह परिवार के अंदर विश्वास और सुरक्षा की भावना को कुचलने वाली बात है।
बंद कमरे में ऐसी और भी घटनाएं होती हैं लेकिन यहां लगे सीसीटीवी कैमरे की वजह से यह मामला सबके सामने आ जाता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देख लोग गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इस वीडियो पर गुस्सा जाहिर करने के बीच कई सवाल हैं। यह सवाल किसी एक से नहीं जुड़ा है और न ही इससे भागने की जरूरत है।
यह घटना खासकर बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के अंडररिपोर्टेड मुद्दे पर भी प्रकाश डालती है। परिवार के दूसरे सदस्यों का डर, सामाजिक कलंक,उम्र अधिक होने पर आश्रित होने की स्थिति और कई बार शर्मिंदगी के कारण बुजुर्ग अक्सर चुप रहते हैं। इस चुप्पी को कई बार कुछ लोग दुर्व्यवहार को जारी रखने की अनुमति समझ लेते हैं।
#Mangalore daughter-in-law #assaults father-in-law with a walking stick; video goes viral; KEB officer #Umashankari has been arrested by Mangalore #Police after the video went viral on social media. #BreakingNews #daughter pic.twitter.com/T82lhr7m0V
— Headline Karnataka (@hknewsonline) March 11, 2024
जिस उम्र में सबसे अधिक सहारे की जरूरत होती है उस उम्र में ‘ऐसे न भरने वाले घाव’ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालते हैं।
रील और सोशल मीडिया के जमाने में भले ही यह बात कम सिखाई जाती है लेकिन कुछ साल पहले हर घर में यह कहा जाता था कि मां-बाप के साथ ही घर के बुजुर्ग भगवान समान हैं।
बच्चों को शुरू से ही घर में कहा जाता था कि आगे चलकर तुम ही सहारा हो। आजकल जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसमें इस सहारा शब्द पर बड़ा सवाल है।
सवाल यह भी हो सकता है कि एक बहू को अपने कमजोर ससुर पर इतनी हिंसा करने के लिए क्या प्रेरित कर सकता है। आप ऑफिस या निजी जीवन में किसी भी लेवल के तनाव में हों लेकिन ऐसा करना तो दूर सोचना भी गुनाह है।
इस प्रकार के मामलों में कई बार आगे अलग-अलग कारण सामने आते हैं लेकिन कोई कारण वाजिब नहीं हो सकता। महिला का बुजुर्ग ससुर पर हमला एक चेतावनी है।
हमें घर और आस-पास एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जो अपने सबसे कमजोर सदस्यों की रक्षा करता है और सम्मानजनक पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देता है। हमें एक ऐसा सामाजिक माहौल बनाने की जरूरत है जहां बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाए। परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और दूसरे लोगों को सतर्क रहना चाहिए और ऐसे मामलों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
सोशल मीडिया और रील बनाने के इस दौर में इस बात को समझना बेहद जरूरी है कि जैसे कैसेट की रील कहीं से भी टूट जाने पर गाना सुनाई नहीं देता ठीक वैसे ही रिश्तों में रील कहीं से न टूट जाए इसका भी खास ध्यान देना होगा। नई पीढ़ी शायद कैसेट के रील से वाकिफ न हो लेकिन लाइफ के रील में इसका ज्ञान सबके लिए होना जरूरी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."