दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
गोंडा: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम तय करने में जुटी हुई है। प्रदेश की 80 में से 74 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। गठबंधन के तहत एनडीए के सहयोगी दलों को छह सीटें दी जा सकती हैं। भाजपा अपने कोटे की सीटों पर नाम तय कर रही है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम को फाइनल कर रही है। दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया।
सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि इस बार एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की 74 लोकसभा सीटों में से कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। वहीं, कैसरगंज लोकसभा सीट पर भी पार्टी उम्मीदवार के नाम पर निर्णय नहीं ले पाई है।
कैसरगंज लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान बाद में किया जा सकता है। कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह पिछले दिनों पहलवानों के यौन शोषण मामले में घिरकर विवादों में फंस गए थे।
देश के प्रमुख पहलवानों ने उनके खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया था। उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोर्ट में कैस चल रहा है।
इन तमाम स्थितियों को देखते हुए भाजपा अभी बृजभूषण शरण सिंह के नाम पर कोई निर्णय नहीं ले रही है। माना जा रहा है कि बाद में इस सीट के उम्मीदवार का नाम तय किया जा सकत है।
विवादों में घिरे रहे हैं बृजभूषण
कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पिछले दिनों सुर्खियों में रहे हैं। उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के आंदोलन, दिल्ली पुलिस की जांच और कानूनी कार्रवाई के बीच लोकसभा चुनाव के रण तय किए जा रहे हैं।
बृजभूषण सिंह ने भी अपनी दावेदारी मजबूत की है। पिछले दिनों बृजभूषण शरण ने गोंडा और अयोध्या में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। दावा किया जा रहा था कि बृजभूषण दो सीटों पर दावे कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा उनके टिकट को अटका कर माहौल को बदलने की कोशिश में है। विपक्ष की ओर से भी सपा और बसपा इस सीट पर अपनी तैयारियों को पूरा कराने में जुटी हुई है।
पांच बार जीती है सपा
1952 में कैसरगंज लोकसभा सीट का गठन हुआ था। अब तक कुल 16 चुनावों में सबसे अधिक पांच बार सपा ने यहां से जीत दर्ज की है। वर्ष 2009 में वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी सपा के टिकट पर कैसरगंज से जीते थे। कांग्रेस ने यहां से तीन और भाजपा ने तीन बार जीत दर्ज की। भारतीय जनसंघ ने भी तीन बार इस सीट पर कब्जा जमाया था।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा एक बार फिर यहां से जीत दर्ज करने की कोशिश करती दिख रही है।
बेटे के नाम की भी चर्चा
बृजभूषण शरण सिंह के नाम को लेकर अभी तक भाजपा ने कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके पीछे का कारण उनके पिछले दिनों लगातार चर्चा में रहना बताया जा रहा है।
पहलवानों के आरोपों के बाद बृजभूषण के टिकट पर अगर संकट आता है तो उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंह का नाम सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि बेटे के टिकट मिलने की स्थिति में बृजभूषण बैकफुट पर जा सकते हैं। ऐसे में कैसरगंज का गणित बदलने की संभावना भी जताई जा रही है।
Author: samachar
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