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November 1, 2024 3:55 pm

पूर्वांचल की राजनीति में बीजेपी के बड़े दांव ; कट सकता है दिनेश लाल निरहुआ का टिकट

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां दमखम से तैयारी में जुट गई हैं। बीजेपी भी प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करने के लिए मंथन में जुटी है। इस बीच पूर्वांचल की राजनीति में बड़ी चर्चा होने लगी है। आजमगढ़ से भाजपा सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Nirahua) उर्फ निरहुआ के टिकट कटने की चर्चा होने लगी है। इसके बाद उन्हें गाजीपुर से लोकसभा टिकट मिलने की संभावना बढ़ गई है।

आजमगढ़ लोकसभा में हुए उपचुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर भगवा लहराने वाले वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भोजपुरी फिल्म जगत की नामचीन हस्तियों में से एक हैं। वह बीजेपी के सिंबल पर निर्वाचित हैं। वह गाजीपुर के मूल निवासी हैं। इसी के मद्देनजर ऐसा कहा जा रहा है कि उन्हें पड़ोसी जिले में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ मैदान में उतारा जा सकता है।

हाल ही में सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अभी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा कि अगर अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़े तो वे जहां से चुनाव लड़ेंगे वह वहीं से उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश अब कोई चुनौती नहीं हैं। हमें उनके खिलाफ ही चुनाव लड़ना है।

उधर सपा ने गाजीपुर में अफजाल अंसारी को प्रत्याशी बना दिया है। अफजाल ने कहा कि चुनाव को लेकर जनता की अदालत में फैसला होना है। जनता ही जीत, हार का फैसला करेगी। अफजाल ने कहा कि जब कोई चुनावी मैदान में आएगा तो जनता के मतों से ही जीत या हार का निर्णय होगा। गाजीपुर की जनता पर उन्हें अटूट भरोसा है। उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव जीत लिया था। वहीं सरकार अपनी हार का बदला लेने के लिए दमन चक्र चला रही है।

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर शम्मी सिंह ने इस विषय पर कहा कि इस खबर के आने के बाद सियासी गलियां में कई तरह के कयास लगाया जाना लाजमी हैं। कुछ बीजेपी भाजपा समर्थकों का मानना है कि पार्टी 2024 के चुनाव में मनोज सिन्हा को गाजीपुर से अपना उम्मीदवार बना सकती है। मनोज सिन्हा की साफ सुथरी छवि और अपने कार्यकाल में कराए गए काम बीजेपी को सियासी तौर पर लाभ दिलाएंगे। स्थानीय लोगों में मनोज सिन्हा को विकास पुरुष की संज्ञा भी दी जाती है।

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि पार्टी टॉप लीडरशिप ने मनोज सिन्हा के लिए कोई बड़ी भूमिका तय कर रखी है। जैसा की 2019 के चुनाव हारने के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर का एलजी बनाया गया। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद वहां कश्मीर की सियासी फिजा को सामान्य रखने का श्रेय मनोज सिन्हा को दिया जाता है। इसके साथ ही विकास से जुड़े कई कामों को तेजी से मनोज सिन्हा की निगरानी में पूरा किए जाने के बात कही जाती है।

इन सब के बीच जिस भी नाम पर गाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए तय करेगी,उस नाम पर मनोज सिन्हा की सहमति शामिल रहेगी। दिनेश लाल यादव को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि वह यादव समुदाय से आते हैं। यादव समुदाय, गाज़ीपुर सीट पर वोटरों की संख्या के आधार पर निर्णायक ओबीसी वोट माना जाता है। दिनेश लाल यादव गाज़ीपुर के मूल निवासी हैं। भोजपुरी सिनेमा और गायन में उनका एक बड़ा नाम है। यूपी के पूर्वी पट्टी के जिलों में सामान्य तौर पर भोजपुरी बोली जाती है। ऐसे में आम मतदाताओं में दिनेश लाल यादव के नाम को लेकर एक खास आकर्षण बन सकता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."