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November 1, 2024 4:07 pm

भुगतान के नाम पर लेखाकारों द्वारा की जाती जमकर कमीशनखोरी, चहेते ठेकेदारों को किए जाते ज्यादातर भुगतान

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट. शासन द्वारा वित्तीय लेखाजोखा रखने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड में लेखाकर की नियुक्ति की गई है लेकिन यही लेखाकर जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से भुगतान करते हैं और जमकर कमीशनखोरी करते हैं जिसके कारण यह लेखाकर लाखों रुपए की चल अचल संपत्तियों के मालिक बन बैठे हैं जिनकी जांच कराए जाने को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लोक आयुक्त महोदय को पत्र लिखकर जांच कराए जाने की मांग की है l

जिले के रामनगर विकासखंड व मऊ विकास खण्ड में लेखाकर का कार्यभार संभालने वाले अतुलकांत खरे द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों के नाम पर भुगतान करते हुए जमकर कमीशनखोरी की गई है व लाखों रुपए की चल अचल संपत्तियां बनाई गई हैं l

वहीं मानिकपुर विकास खण्ड व पहाड़ी विकास खण्ड में लेखाकार का कार्यभार संभालने वाले रमेश कुमार कुशवाहा द्वारा ख़ूब फर्जीवाड़ा करते हुए लाखों रुपए की चल अचल संपत्तियां बनाई गई हैं l

इन लेखाकारों द्वारा मनरेगा योजना, पंचम वित्त, पंद्रहवां वित्त, केंद्रीय वित्त, सांसद निधि, विधायक निधि,बुंदेलखंड विकास निधि, नीति आयोग, अटल भूजल योजना व गौवंश भरण पोषण इत्यादि योजनाओं का कार्य देखा जा रहा है जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से भुगतान करने के नाम पर जमकर कमीशनखोरी करते हुए लाखों रुपए की चल अचल संपत्तियां अर्जित की गई हैं l

लेखाकर अतुलकान्त खरे व लेखाकर रमेश कुमार कुशवाहा का स्थानान्तरण अन्य ज़िले में हो चुका है लेकिन इनका चित्रकूट ज़िले से मोह भंग नहीं हो रहा है वहीं लेखाकारों का ट्रांसफर होने के बाद भी ज़िला विकास अधिकारी द्वारा कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है जबकि शासन के नियमों के अनुसार एक सप्ताह के अंदर कार्यमुक्त होना ज़रूरी है लेकिन जिला विकास अधिकारी के कमाऊ पूत की भूमिका निभा रहे लेखाकारों का ट्रांसफर होने के बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया जाना शासन के नियमों का खुलेआम उलंघन है l

सूत्रों के अनुसार पता चला है कि जिला विकास अधिकारी कुछ माह बाद ही रिटायर्ड होने वाले हैं जिसके कारण लेखाकारों का ट्रांसफर होने के बाद भी कार्यमुक्त नहीं करना चाहते हैं और लेखाकारों की आड़ में जिला विकास अधिकारी भी अपनी संपत्तियों में भी इज़ाफा करना चाहते हैं जिसके कारण लेखाकर बिना किसी भय के विभिन्न योजनाओं में जमकर कमीशन खोरी करते हुए भुगतान कर रहे हैं l

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लोक आयुक्त महोदय को पत्र लिखकर लेखाकर अतुलकान्त खरे व रमेश कुमार कुशवाहा द्वारा फर्जीवाड़ा व कमीशनखोरी करते हुए जुटाई गई चल अचल संपत्तियों की जांच कराए जाने की मांग की है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."