संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत गांव में ही ग्रामीणों को रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी लेकिन अब मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती चली जा रही है जहां पर ग्राम प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक व ग्राम रोजगार सेवक सहित जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बड़े पैमाने पर धांधली की जाती है और जब इन विकास कार्यों की शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की जाती है तो वह भी भ्रष्टाचारियों का साथ देते हुए शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालने का काम करते हैं l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सेमरदहा का l
मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सेमरदहा में 28.11.2023 को ग्राम सभा की बैठक की गई थी जिसमें ग्राम प्रधान शिवकुमारी, जेई श्रीप्रकाश, ग्राम रोज़गार सेवक राममिलन शुक्ला व बीआरपी लवदीप सिंह सहित गांव के सभ्रांत व्यक्तियों सहित कई ग्रामीण व मजदूरों की उपस्थिति में मनरेगा योजना से कराए गए कार्यों में चर्चा की गई व वित्तीय वर्ष 04.01.2022 से 31.03.2023 तक मनरेगा योजना से कराए गए कार्यों के भौतिक सत्यापन की बात बताई गई व वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया गया।
बैठक में बताया गया कि ग्राम पंचायत सेमरदहा में अनिल कुमार पुत्र केदारनाथ मिश्र के काऊ शेड निर्माण कार्य, राजकरन पुत्र शिवकुमार ब्राह्मण निवासी बिलोखर खांच पुरवा के खेत में मेडबंदी,समतली करण कार्य, राममिलन पुत्र शिवकुमार ब्राह्मण निवासी बिलोखर सेमरदहा के खेत में मेडबंदी समतली करण कार्य,प्राथमिक विद्यालय खांच पुरवा में मेन रोड से विद्यालय की ओर इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण कार्य,प्राथमिक विद्यालय टिकारी (खांच पुरवा में एम डी एम किचेन शेड निर्माण), पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरदहा में बाउंड्री वॉल व गेट निर्माण कार्य, मिथलेश कुमार पुत्र राधेरमण पटेल निवासी कुकुरहाई मजरा सेमरदहा के खेत में मेडबंदी,समतली करण कार्य व प्राथमिक विद्यालय पिपरौनी में बाउंड्री वॉल व गेट निर्माण आदि कार्यों में घोर अनियमितताएं करते हुए निर्माण कार्य कराए गए हैं जिसमें शासकीय धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया गया है।
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि सोशल ऑडिट टीम द्वारा ग्राम पंचायत सेमरदहा में मनरेगा योजना से कराए गए कार्यों में हुई अनियमितता की जांच रिपोर्ट उपायुक्त श्रम रोजगार को दिसंबर 2023में ही भेज दी थी जिसमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और जांच रिपोर्ट में कार्यवाही करने के बजाय जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया गया है l
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन मामले को संज्ञान में लेते हुए ग्राम पंचायत सेमरदहा में मनरेगा योजना से कराए गए कार्यों में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा या फिर ग्राम प्रधान व सचिव सहित तकनीकी सहायक व ग्राम रोज़गार सेवक की मिलीभगत से मनरेगा योजना से कराए जा रहे कार्यों में ऐसे ही धांधली होती रहेगी और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ऐसे ही जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया जायेगा यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."