जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। भोजपुरी फिल्मों के स्टार और भाजपा सांसद दिनेश लाल निरहुआ ने लोकसभा चुनाव से पहले ताल ठोक दी है। उन्होंने बुधवार को बड़ा ऐलान किया।
निरहुआ ने कहा कि जिस सीट से अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे, मैं उसी पर चुनाव लड़ूंगा। इसके लिए मैं पार्टी से आग्रह करूंगा। आइए आपको बताते हैं कि आजमगढ़ की सीट पर सियासी समीकरण क्या है।
आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं निरहुआ
दरअसल, यूपी और आजमगढ़ के धाकड़ नेता गुड्डू जमाली ने बुधवार को ही समाजवादी पार्टी का दामन थामा है। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रत्याशी रहे थे। अब कहा जा रहा है कि सपा जमाली को आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है।
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव यादव के खिलाफ निरहुआ को उतारा था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद अखिलेश यादव ने 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा। तब ये सीट खाली हो गई थी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए। जिसमें बीजेपी ने एक बार फिर निरहुआ को आजमाया। उपचुनाव में निरहुआ ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को शिकस्त दी थी।
सपा की हार का कारण बन चुके हैं गुड्डू जमाली
आपको बता दें कि आजमगढ़ को गुड्डू जमाली का गढ़ माना जाता है। वह आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि तब वह बसपा में थे। गुड्डू 2022 के लोकसभा चुनाव में सपा की हार का कारण रह चुके हैं। दरअसल, बसपा से गुड्डू जमाली, सपा से धर्मेंद्र यादव और बीजेपी से निरहुआ मैदान में थे। तीनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।
माना जा रहा था कि धर्मेंद यादव यहां से एकतरफा जीत सकते हैं, लेकिन गुड्डू जमाली सपा के लिए वोट कटवा साबित हुए। इस तरह करीबी मुकाबले में निरहुआ ने 8 हजार वोटों से जीत हासिल कर ली। तीसरे स्थान पर रहे गुड्डू जमाली को 266210 वोट मिले। जबकि निरहुआ को 312376 और धर्मेंद यादव को 304089 वोट मिले।
अखिलेश यादव को होगी आसानी
अब कहा जा रहा है कि गुड्डू जमाली के सपा में आने से अखिलेश यादव के लिए इस सीट पर चुनाव जीतना आसान हो जाएगा। हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। बीजेपी ने भी इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि निरहुआ और अखिलेश के बीच ही मुकाबला हो सकता है। या फिर अखिलेश खुद किसी दूसरी सीट से मैदान में उतरकर निरहुआ के खिलाफ गुड्डू जमाली को उतार सकते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि निरहुआ, अखिलेश और जमाली किस सीट से चुनाव लड़ते हैं।
ये है मतदाताओं का समीकरण
आजमगढ़ को यादव-मुस्लिम बहुल्य सीट माना जाता है। इसे अक्सर सपा का गढ़ भी कहा जाता है। इस सीट पर करीब 19 लाख वोटर हैं। जिसमें 3.50 लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। करीब 3 लाख मुस्लिम और इतने ही दलित हैं। जहां ओपी राजभर की सुभासपा बीजेपी के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। इस सीट से मुलायम सिंह यादव भी 2014 में चुनाव जीत चुके हैं।
Author: samachar
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