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November 1, 2024 8:07 pm

सरकारी नौकरी के नाम पर ऐसी ठगी…..सुनकर भौंचक्के रह जाएंगे आप

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

सहारनपुर। रेलवे और अन्य विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बिहार, नोएडा, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर के रहने वाले ठग बेरोजगारों से ठगी कर रहे थे।

गिरोह ने 20-25 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। गैंग ने युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनकी ट्रेनिंग और मेडिकल तक कराया था। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।

गुरुवार को एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने पुलिस लाइन्स सभागार में प्रेसावर्ता की। एसपी सिटी के मुताबिक 22 अक्टूबर को अक्षय कमार पुत्र सुशील कुमार निवासी असदपुर करंजाली थाना देवबंद में दीपक श्रीवास्तव पुत्र जगदीश के खिलाफ नौकरी दिलाने के नाम पर 44 लाख 50 हजार रुपये की ठगी का मुकदमा गागलहेड़ी थाने में दर्ज कराया था। जबकि, 12 जनवरी को प्रशांत कुमार पुत्र मुनेश ने देहात थाने में मुकदमा दर्ज करारकर दीपक और उसके साथियों पर 20 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा देवबंद में दर्ज कराया। पुलिस लगातार तफ्तीश में जुटी थी। पुलिस ने चार अभियुक्तों विशाल पुत्र राजकुमार निवासी राजा बाजार शकुंतला अपार्टमेंट पटना बिहार, हाल निवासी ग्रेटर नोएडा, दीपक श्रीवास्तव पुत्र जगदीश शरण निवासी नया रामपुर गेट मुजफ्फरनगर, तुषार उपाध्याय पुत्र सुबोध कुमार निवासी सैनी नगर खतौली मुजफ्फरनगर, सलाउद्दीन पुत्र मंगलुद्दीन पूर्वी मुस्तफज्ञबाद लोनी देहात गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि उनकी बिहार के रहने वाले युवक सुजीत कुमार से फेसबुक पर मुलाकात हुई थी। इसके बाद एक गिरोह बनाकर बेरोजगारों से ठगी करने का प्लान तैयार किया। योजना के तहत विशाल उसकी पत्नी करिश्मा भाई विकास और आकाश को साथ में लेकर फर्जी नियुक्तिपत्र तैयार किए और सोशल मीडिया पर प्रचार किया। इसके बाद देवबंद के अक्षय से संपर्क किया। अक्षय और उसके साथियों को नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 60 लाख रुपये लिए। पैसे अलग-अलग खाते में जमा कराने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्तिपत्र जारी कर दिए।

बिहार और कोलकाता में कराई ट्रेनिंग

गैंग ने बिहार और कोलकाता में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर भी खोले थे। नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद सभी युवाओं को बिहार और कोलकाता में ट्रेनिंग कराई गई। यही नहीं उन्हें कुछ माह तक सैलरी भी दी गई। नौकरी का विश्वास होकर युवाओं ने कुछ अन्य युवाओं से भी मुलाकात कराई। बाद में पता चला कि उनकी कोई नौकरी नही थे और वह ठगी का शिकार हो गए।

20 से 25 युवा हुए शिकार

पुलिस ने गागलहेड़ी और देवबंद थाने में दो मुकदमे दर्ज किए थे। पुलिस की जांच पड़ताल में अब तक 20 से 25 युवा सामने आएं हैं। जिनसे नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई है। पुलिस ने गिरोह के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि, बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी को लगातार दबिश दी जा रही है।

लैपटॉप और फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किए

पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 50 हजार रुपये, लैपटॉप, मोबाइल फोन, दो एटीएम, रेलवे के आवेदन पत्र, सात फर्जी नियुक्ति पत्र व अन्य सामान बरामद किया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."