ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
रायबरेली: सोनिया गांधी के चुनावी राजनीति से हटने के बाद रायबरेली लोकसभा सीट की चर्चा तेज हो गई है। रायबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। सोनिया गांधी पांचवी बार लोकसभा चुनाव जीती थीं। 2019 के चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने घोषणा की थी कि अगला लोकसभा चुनाव वे नहीं लडेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद वर्ष 1999 में पहली बार वे चुनावी मैदान में उतरी और जीती थीं। सोनिया गांधी के रायबरेली सीट से हटने के बाद प्रियंका गांधी को लेकर दावा किया जा रहा था। दावा किया जा रहा था कि प्रियंका लोकसभा चुनाव में रायबरेली से उतरेंगी। हालांकि, अब इस मामले लेकर चर्चा पर विराम लगाने की कोशिश चल रही है। दावा किया जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से 2024 के चुनाव में नहीं उतरेंगी। यूपी के राजनीतिक गलियारे में इस मामले को लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रियंका गांधी के चुनावी मैदान में न उतरने को लेकर सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी परंपरागत अमेठी सीट से उतरे थे। लेकिन, उन्हें स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से राहुल गांधी गिने- चुने मौकों पर ही अमेठी पहुंचे हैं। कांग्रेस इस बार विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के आसरे यूपी के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। जमीनी स्तर पर पार्टी का संगठन काफी कमजोर है। प्रियंका को यूपी चुनाव 2022 के दौरान प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी प्रियंका ने यूपी की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश की।
प्रियंका को इस चुनाव में कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। पार्टी को विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत मिली। पार्टी के महासचिव पद को संभाल रही प्रियंका यूपी में पार्टी के वोट प्रतिशत को भी बढ़ाने में कामयाब नहीं हो पाई। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच हुए दो- तरफा मुकाबले में पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई। अब सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद रायबरेली से उनके चुनावी में उतराने की चर्चा शुरू हो गई। कांग्रेसी नेता इसको लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, रिपोर्ट ने माहौल को अलग रुख दे दिया है।
पार्टी की स्थिति है कमजोर
रायबरेली में पिछले दिनों में लगातार स्थिति कमजोर हुई है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान रायबरेली में समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ती दिखी थी। वहीं, कांग्रेस से भाजपा में आई अदिति सिंह ने रायबरेली सदर सीट से जीत दर्ज की। कांग्रेसी किले में पहली बार भाजपा की जीत मिली। 2014 और 2019 के मोदी- योगी लहर में भी रायबरेली का किला फतह करने में भाजपा कामयाब नहीं हो पाई। लेकिन, अब कांग्रेस की जमीन पर स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से हुई समीक्षा में सोनिया गांधी के सीट छोड़ने के बाद पार्टी की इस सीट पर जीत को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पार्टी नेतृत्व की ओर से इस प्रकार की स्थिति में प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर ऊहापोह बनी हुई है। माना जा रहा है कि पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव कर सकती है। सूत्रों के हवाले से यह भी दावा किया जा रहा है कि प्रियंका गांधी स्वयं भी रायबरेली से चुनावी मैदान में नहीं उतरना चाहती है। दावा यह भी किया जा रहा है कि गठबंधन के तहत यह सीट सपा के पाले में भी जा सकती हैहै।
Author: samachar
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