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December 13, 2024 1:23 am

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जयंत ने बदली करवट तो पढिए क्या होगा समीकरण इन 10 सीटों का

31 पाठकों ने अब तक पढा

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पहले यूपी में पाला बदल के खेल के लिए मैदान सजने लगा है। इस समय इसके केंद्र में जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की पार्टी रालोद है। आधिकारिक तौर पर यह पार्टी अभी विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ का हिस्सा है। लेकिन, पिछले दो दिनों से रालोद के NDA के साथ जाने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। खास बात यह है कि अब तक जयंत चौधरी या रालोद की ओर से इस चर्चा का कोई खंडन नहीं किया गया है। अगर कयास सही निकले और जयंत ने पाला बदला तो यूपी में 10 सीटों पर हो रही राज्यसभा चुनाव का भी गणित बदल जाएगा।

राज्यसभा की खाली हो रही 10 सीटों में 9 भाजपा और 1 सपा के पास है। इस चुनाव में विधानसभा के सदस्य वोटर होते हैं। इस समय विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 399 है। राज्यसभा में निर्वाचित होने के लिए न्यूनतम वोट का जो फॉर्म्युला है उसके हिसाब से इस बार एक सीट जीतने के लिए 37 विधायक की जरूरत होगी। इस हिसाब से मौजूदा स्थिति में भाजपा गठबंधन 7 और सपा गठबंधन 3 सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है।

रालोद पलटा तो यूं फंसेगा गणित

एनडीए के पास इस समय सहयोगियों को मिलाकर 277 वोट हैं। ऐसे में 37 का कोटा सबको आवंटित करने के बाद उसके पास 18 वोट अतिरिक्त बचेंगे। जनसत्ता दल उच्च सदन के चुनाव में अब तक भाजपा के ही साथ रहा है। इसलिए, इनके 2 वोट भी सत्ता पक्ष के साथ जाने तय हैं। ऐसे में भाजपा के पास 20 अतिरिक्त वोट होंगे। वहीं, विपक्षी गठबंधन के पास मौजूदा संख्या 119 विधायकों की है। कोटा आवंटित करने के बाद भी इस समय उनके पास 6 अतिरिक्त विधायक बचेंगे।

अगर रालोद एनडीए के पाले में जाती है तो सपा गठबंधन के पास विधायकों की संख्या घटकर 110 हो जाएगी। सपा को अपना तीसरा उम्मीदवार जिताने के लिए 1 और विधायक की जरूरत होगी, जिसे तलाशना आसान नहीं होगा। वहीं, रालोद को मिलाकर भाजपा के पास 29 अतिरिक्त वोट हो जाएंगे। अब अगर भाजपा अपना आठवां उम्मीदवार उतारती है तो फैसला दूसरी वरीयता के वोटों से होगा, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए संभावनाएं बढ़ जाएंगी। फिलहाल, गुरुवार को भाजपा की ओर से 10 पर्चे खरीदे गए हैं।

वहीं, सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं। इनको मतदान की अनुमति मिलना मुश्किल है। इसलिए, दलों की अंकगणित से अधिक पक्ष-विपक्ष से विधायकों की ‘केमिस्ट्री’ भी नतीजा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। अपने लोगों को बिखरने से रोकने की चुनौती विपक्ष के सामने अधिक होगी क्योंकि यूपी में विधानसभा चुनाव अभी 3 साल बाद हैं। सत्ता के पास आने की ख्वाहिश तो हमेशा रहती है लेकिन सत्ता के साये से शायद ही कोई दूर होना चाहेगा।

हालांकि, राज्यसभा चुनाव में वोटिंग ओपन बैलट से होती है। यानी पार्टी का सचेतक मतदान के पहले बैलट देखकर यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसकी पार्टी के विधायक ने किसे वोट दिया है। इसलिए, जो भी पाला बदलेगा उसकी पहचान होनी तय है। पार्टी व्हिप के उल्लंघन के लिए दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग कर सकेगी। इसलिए, पाला वही बदलेगा जो दूसरी ओर अपना भविष्य ‘सुरक्षित’ करने में सक्षम हो।

नामांकन शुरू, 10 पर्चे बिके

राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन गुरुवार को शुरू हो गया। रिटर्निंग अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि पहले दिन 10 पर्चे खरीदे गए हैं। नामांकन की प्रक्रिया 15 फरवरी तक चलेगी। चुनाव 27 फरवरी को होंगे।

किसकी कितनी सीटें

NDA : 277, भाजपा : 252, अपना दल (एस) : 13, निषाद पार्टी : 06, सुभासपा : 06, INDIA : 119, सपा: 108, रालोद : 9, कांग्रेस : 02, अन्य : 3, जनसत्ता दल : 2, बसपा : 1

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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