इरफ़ान अली लारी की रिपोर्ट
अयोध्या के लिए लोगों की दीवानगी हाड़ कंपा देने वाली ठंड से बेअसर है और देश के विभिन्न हिस्सों से लोग 22 जनवरी को यहां नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए स्केटिंग कर, साइकिल चलाकर या फिर पैदल ही लंबी दूरी तय कर यहां आ रहे हैं।
भगवान राम में अपनी आस्था और देश में व्याप्त धार्मिक उत्साह से प्रेरित होकर यहां पहुंचने वाले लोग बताते हैं कि वे इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनना चाहते हैं और प्रेम तथा एकता का संदेश देना चाहते हैं।
बिहार के मधेपुरा जिले के रहने वाले नीतीश कुमार साइकिल पर 600 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर अयोध्या पहुंचे हैं।
कुमार (21) ने कहा, ”बिहार से अयोध्या तक 615 किलोमीटर की दूरी तय करने में मुझे सात दिन लगे। मैं आज पहुंचा हूं। मैं अपनी साइकिल पर एक स्लीपिंग बैग और कुछ जरूरी चीजें अपने साथ लेकर निकला था ताकि रास्ते में कुछ देर आराम कर सकूं। जब उच्चतम न्यायालय का इस मामले में फैसला आया तो मैंने साइकिल से यहां पहुंचने की निश्चय किया था। उस वक्त मैं स्कूल में पढ़ता था।”
कुमार ने अपनी साइकिल को चार झंडों से सजाया है जिसमें एक तिरंगा और तीन भगवा झंडे हैं जिन पर चित्र और ‘जय श्री राम’ लिखा है।
गिनीज बुक में ‘सर्वाधिक लंबे समय तक नृत्य मैराथन’ (124 घंटे) का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली सोनी चौरसिया आमंत्रित लोगों में से है और वह वाराणसी से स्केटिंग करती हुई अयोध्या जा रही हैं।
चौरसिया ने कहा, ”मैं 17 जनवरी को वाराणसी से रवाना हुई और 22 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाऊंगी। मैंने पहले भी इतनी स्केटिंग की है लेकिन अभी का मौसम एक चुनौती है। पूरी यात्रा 228 किलोमीटर है। मेरे साथ मेरे कोच और चिकित्सक भी हैं जो मेरे पीछे मोटरसाइकिल पर चल रहे हैं।”
राजस्थान के कोटपुतली से 16 जनवरी को स्केट्स पर अयोध्या के लिए निकले महज 10 वर्षीय हिमांशु सोनी 704 किलोमीटर की दूरी तय करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
सोनी ने कहा,”मेरा परिवार भगवान राम में आस्था रखता है । इस समय माहौल दिवाली से कम नहीं है। मैं प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या में रहना चाहता था और अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के साथ वहां स्केट्स के जरिये पहुंचने से बेहतर तरीका क्या हो सकता है।’ हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश फैलाने के उद्देश्य से शबनम शेख मुंबई से अयोध्या तक पैदल यात्रा कर रही हैं।
उन्होंने कहा,’यह यात्रा 1,400 किलोमीटर से अधिक की है। मैं प्रतिदिन लगभग 60 किलोमीटर चलती हूं और कई बार कुछ समय के लिए रुकती हूं। एक लड़की होने के नाते यात्रा के दौरान रुकने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश करना थोड़ा चिंताजनक है लेकिन मैं जहां भी जा रही हूं लोग मेरा स्वागत करते हैं।”
अयोध्या में राम मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 22 जनवरी यहां भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने 2019 में इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिसमें एक सदी से भी अधिक पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा हुआ।
Author: samachar
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