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November 22, 2024 8:26 am

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और भाग गया पति… . अब मामला आ गया ऐसे मोड़ पर जिसकी कोई कल्पना नहीं थी… चौंकाने वाला है मामला

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आनंद शर्मा की रिपोर्ट

जयपुर: सुप्रीम कोर्ट की ओर से भले ही तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया हो। इसके बावजूद भी तीन तलाक के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। हाल ही राजधानी जयपुर में तीन तलाक का एक ताजा मामला सामने आया है। तीन तलाक का यह मुकदमा जयपुर के भट्टा बस्ती थाने में दर्ज हुआ है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाली पीड़िता का आरोप है कि उसका पति उसे तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर भाग गया। पीड़िता की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच हेड कांस्टेबल पूर्णचंद को सौंपी गई है।

पीड़िता का कहना है कि 10 जनवरी की सुबह वह घर पर ही थी। सुबह 9 बजे परिवार के सभी सदस्य नाश्ता कर रहे थे। उसी समय पीड़िता का पति गाली गलौच करते हुए घर में घुसा और बोला कि तुझे तलाक देकर ये कहानी ही खत्म कर देता हूं। चल मैं तुझे तलाक देता हूं। यह सुनकर परिवार वाले उसे पकड़ने के लिए दौड़े। इतने में वह जल्दी से तलाक तलाक तलाक बोल कर भाग गया। बाद में पीड़िता थाने पहुंची और मुकदमा दर्ज कराया।

घरेलू हिंसा करते हुए खूब टॉर्चर किया – पीड़िता

मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती की उम्र 28 वर्ष है। वह भट्टा बस्ती इलाके में रहती है। विद्याधर निवासी युवक के साथ उसका निकाह हुआ था। पीड़िता का आरोप है कि निकाह के बाद पति उसे काफी टॉर्चर करता रहा। दहेज लाने की मांग करते हुए मारपीट भी करता था। आए दिन के झगड़े और मारपीट से परेशान होकर पीड़िता अपने पीहर में आकर रहने लगी। पिछले महीने पीड़िता ने घरेलू हिंसा और दहेज का प्रकरण भी दर्ज कराया था।

तीन साल की सजा का प्रावधान

वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया और केंद्र सरकार से कानून बनाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने कानून बनाते हुए एक साथ तीन बार तलाक बोलकर या लिखकर निकाह खत्म करने को अपराध की श्रेणी में लाया था।

इस अपराध के लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया। हालांकि इस कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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