हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
धमतरी (छत्तीसगढ़)। अगर आप दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर में रहते हैं और चावल के शौकीन हैं तो संभव है कि आप के पोहे, पुलाव, बिरयानी या फिर खिचड़ी का चावल धमतरी का हो।
धमतरी, प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत और आदिवासियों की धरती छत्तीसगढ़ का एक जिला है। रायपुर से करीब 70 किलोमीटर आगे धमतरी पड़ता है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, इस कटोरो में सबसे ज्यादा धान धमतरी से आता है, क्योंकि यहां साल में दो बार धान की खेती होती है।
ये भारत के उन खूबसूरत ग्रामीण इलाकों में से एक है जहां, प्रकृति की सादगी ही उसकी सुंदरता बनती है। धमतरी शहर के चारों तरफ धान की सैकड़ों मिले हैं। उसकी एक सीधी वजह यहां धान की बंपर पैदावार है। धमतरी भारत के उन इलाकों में से भी एक है जहां गर्मियों के सीजन में भी धान की खेती होती है। यानि साल में दो बार यहां धान उगाया जाता है।
धमतरी के अलावा छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर के एक बड़े हिस्से में साल में दो बार धान की खेती होती है। बस्तर में जगदल कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक धर्मपाल किरकेट्टा बताते हैं, “छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा लो लैंड (जलभराव) वाला है। जिसके चलते गर्मियों में कई इलाकों में खेतों में पानी रहता है। अब लगातार जल दोहन के चलते जलस्तर नीचे जा रहा है। लेकिन कुछ हिस्सों में हालात वैसे ही है। धमतरी के साथ एक प्लस प्वाइंट ये है कि यहां गगरेल डैम है, जहां नहरों का जाल है और पानी की उपलब्धता धान की खेती को बढ़ाती है।”
छत्तीसगढ़ में धान मिलों का भी पुराना इतिहास है। 1935 में भी यहां 46 चावल मिलें थीं।
छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत औषधीय गुण वाले धान की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें जवा फूल, जीरा फूल, तुलसी मंजरी, कस्तूरी, बादशाह भोग, लाल चावल, काला नमक चावल आदि शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में करीब 43 लाख किसान परिवार हैं और धान यहां की मुख्य फसल है। छत्तीसगढ़ में करीब 3.7 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती होती है। जिसमें ज्यादा एरिया वर्षा की खेती पर आधारित है। धान यहां की मुख्य फसल है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार भी धान के प्रति कुंतल पर 200 रुपए प्रति कुंतल का बोनस देती थी। हालांकि लगातार जलदोहन के चलते और कई जिलों में 2017-18 में सूखे जैसे हालातों के चलते पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार ने गर्मियों के धान पर प्रतिबंध भी लगाया था।
इसलिए कहा जाता है छतीसगढ़ को धान का कटोरा
देश में धान के उत्पादन के लिहाज में छतीसगढ़ का स्थान 8 वां है, जो देश में होने वाले कुल उत्पादन का 5.59 फीसदी तक उत्पादन करता है, लेकिन फिर भी छतीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। इसके पीछे प्रमुख वजह है। असल में छतीसगढ़ के कुल कृषि रकबे के 88 फीसदी से अधिक भाग में धान की खेती की जाती है। तो वहीं छतीसगढ़ में धान की 20 हजार से अधिक किस्मों की उपज होती है। इस कारण छतीसगढ़ को देश में धान का कटोरा कहा जाता है।
Author: samachar
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