ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
वृंदावन मथुरा मार्ग पर संत प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम है, जहां नियमित इस संत के दर्शन लाभ लेने वालों की भीड़ उमड़ रही है। उनके भक्तों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से लेकर फिल्म स्टार और क्रिकेटर तक हैं, जो प्रेमानंद जी से मिलने आते हैं। बताया जाता है कि संत प्रेमानंद जी की दोनों किडनियां खराब है। वह सप्ताह में एक से दो बार डायलिसिस कराते हैं। गत 25 सालों से प्रेमानंद अपनी खराब किडनी के बाद भी पूरी तरह सक्रिय और स्वस्थ रहते हुए भगवत भजन में लगे हुए है। मिलने आने वालों को वह राधा नाम जप करने और शुद्ध सात्विक ईमानदार जीवन अपनाने का सुझाव देते हैं।
प्रेमानंदजी महाराज बताते हैं कि वह सन्यासी जीवन में परिव्राजक रहे हैं और भिक्षा मांगकर जीवन चलाते रहे हैं। साधना के दिनों में वह सुबह तड़के उठ जाया करते थे, जो आदत आज भी उनकी है। जिसके कारण ब्रम्ह मुहूर्त में ही वृंदावन की नियमित परिक्रमा करते रहे हैं। वह अपने प्रवचन में बताते हैं कि एकबार भोर में जब वह लोटा लेकर नित्यक्रिया के लिए जा रहे थे। तो रास्ते में उनको एक महिला मिली। इसलिए उन्होंने रास्ता बदल लिया।
थोड़ी दूर जाने पर फिर वही महिला उनके आगे दिखाई दी। तो प्रेमानंद जी महाराज ने सोचा यह उनका भ्रम है और फिर से रास्ता बदल लिया। लेकिन वह जिधर भी जाते वह महिला उनके आगे दिखाई पड़ती है। इसके बाद प्रेमानंद जी महाराज ने समझ लिया कि यह कोई प्रेतात्मा है। जिसके बाद उन्होंने जोर से भागवत नाम लिया हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव का जाप शुरू कर दिया। इसके बाद वह महिला तुरंत विलुप्त हो गई। प्रेमानंद जी मानते हैं कि संसार में अदृश्य शक्तियां हैं तो ईश्वर की सर्वोच्च शक्ति भी है। जिसका कीर्तन भजन करके हम जीवन में सबकुछ प्राप्त कर सकते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."