आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊः संसद में बुधवार को प्रदर्शनकारियों के प्रवेश के बाद एक बार फिर संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बुधवार को 13 दिसम्बर 2001 में हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी। इसे लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे लेकिन बावजूद इसके सुरक्षा चक्र को भेदकर कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के भीतर से लेकर बाहर तक तांडव मचा दिया।
अब इस घटनाक्रम को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हमला बोल दिया है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सरकार पर निशाना साध दिया है। सपा मुखिया ने कहा कि ये घटना व्यवस्था के दरवाज़े पर चेतावनी की दस्तक है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स पर उस घटनाक्रम से जुड़े एक वीडियो को पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है।
पूर्व सीएम ने लिखा लोकसभा में दो युवकों का विज़िटर गैलरी से कूदना संसद की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। ये एक गंभीर सुरक्षा चूक है। इसकी तत्काल जांच की जाए और जिनकी वजह से ये अंदर प्रवेश कर सके उन सबके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई हो।
अखिलेश ने आगे कहा कि ये घटना देशभर के अलग-अलग जगहों और प्रदेशों से इकट्ठा हुए युवा मन की हताशा का परिणाम है। ये घटना स्वयं में निंदनीय होते हुए इन अर्थों में चिंतनीय भी है कि यदि इसी प्रकार युवाओं को वर्तमान से निराशा हुई और भविष्य से नाउम्मीदगी तो ये देश के लिए अच्छा नहीं होगा।
बता दें कि 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान दो अराजकतत्व दर्शकदीर्घा से कूदकर सांसदों की बेंच पर पहुंच गए।
सत्र के दौरान अचानक हुए इस घटनाक्रम से चारों तरह अफरा-तफरी मच गई। उसमें से एक युवक एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगा।
इसी दौरान वहां मौजूद सांसदों ने उन युवकों को पकड़ कर उन्हें सुरक्षाकर्मी के हवाले कर दिया। उधर युवकों के पीले रंग का स्प्रे करनी संसद के अंदर सब धुंआ धुंआ हो गया था।
हालांकि इस दौरान कोई बड़ी घटना तो नहीं घटी लेकिन संसद के भीतर इस तरह से दुस्साहसिक घटना को अंजाम देने से सुरक्षा को लेकर सवाल जरूर उठने लगे है। इस घटना में शामिल कई युवकों गिरफ्तार कर लिया गया है एक युवक की पहचान लखनऊ निवासी सागर शर्मा के रूप में हुई है।
फिलहाल गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में जांच कराने का आदेश दे दिया है।
Author: samachar
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