चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊः उत्तर प्रदेश में फ्यूल सरचार्ज के आधार पर बिजली दरों में प्रस्तावित 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट की कमी नहीं होगी। बिजली कंपनियों ने तीन महीने के लिए बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव दिया था। अब राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को ट्रूअप यानी अगली बिजली दर की सुनवाई में शामिल करने का फैसला लिया है।
आयोग का कहना है कि केंद्र सरकार ने हर महीने के आधार पर फ्यूल सरचार्ज का नियम बनाया है। इसलिए अब इस प्रस्ताव पर ट्रूअप में विचार किया जाएगा। बिजली कंपनियों ने 20 अक्टूबर को दरों में कमी का प्रस्ताव दिया था।
बिजली कंपनियों ने अप्रैल, मई और जून में फ्यूल पर जो खर्च होने का अनुमान लगाया था, वह उसके मुकाबले कम खर्च हुआ। इसी आधार पर तीन महीने के लिए दरों में कमी का प्रस्ताव बिजली कंपनियों ने दिया था।
‘दो महीने में क्यों नहीं लिया गया निर्णय’
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 20 अक्टूबर को बिजली कंपनियों ने दरों में कमी का प्रस्ताव दिया था।
करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया गया। जिस नियम के हवाला देकर आयोग ने इस प्रस्ताव को टाल दिया है, वह 2022 में बनाया गया था।
अगस्त, 2023 में जब बिजली कंपनियों ने दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, तब आयोग ने उस पर जल्द निर्णय सुनाया था।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जब जनता को राहत देने की बात आती है, तो नियम कुछ और होता है और जब बोझ डालना होता है तो नियम कुछ और होता है।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
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